विश्वविद्यालय भवन में ही धरने पर बैठे छात्र, रजिस्ट्रार को चेंबर में घेरा Muzaffarpur News
हॉस्टल की लड़ाई अब विश्वविद्यालय प्रबंधन के लिए मुसीबत बनी। 54 बार हवाई यात्रा करने का रजिस्ट्रार पर आरोप। भागलपुर भेजी गई स्नातक थर्ड पार्ट की कॉपी नहीं मंगाने से रिजल्ट पेंडिंग।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। विश्वविद्यालय के पीजी छात्रावासों में रह रहे छात्रों से हॉस्टल खाली कराने के लिए जारी रस्साकशी अब सीधी लड़ाई में तब्दील हो गई है। मंगलवार को छात्रों ने रजिस्ट्रार को घेरा। उनसे हॉस्टल के मुद्दे पर सीधा जवाब मांगा। विश्वविद्यालय भवन में ही धरने पर बैठ गए। लाउडस्पीकर लगाकर रजिस्ट्रार और ओहदेदार अधिकारियों की कलई खोली। वीसी-रजिस्ट्रार 'गो बैकÓ के नारे लगाए। नारेबाजी व प्रदर्शन से पूरे दिन विश्वविद्यालय में अफरातफरी मची रही। कामकाज प्रभावित रहा। आंदोलन के अगले चरण में बुधवार को वीसी-रजिस्ट्रार के पुतले फूंकने का छात्रों ने एलान किया।
बहरहाल, छात्रों के बगावती तेवर से तय हो गया कि तुम हमारी सुनो हम तुम्हारी सुनेंगे का दौर खत्म हो चुका है। विश्वविद्यालय के अधिकारी छात्रों की बात सुन भी लें, मगर वे अब किसी की सुनने को तैयार नहीं। छात्रों का कहना है कि सुनने-सुनाने की गुंजाइश खत्म हो चुकी है। विश्वविद्यालय की नाकामियों व गलतियों को सामने लाएंगे। भ्रष्टाचार को आधार बनाकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों को घेरेंगे। उनके इस्तीफे के लिए दबाव बनाएंगे और इस तरह हॉस्टल की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे।
मौके पर जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह, जदयू नेता ठाकुर प्रिंस, रजनीश, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री पुरुषोत्तम कुमार, चंद्रभानु सिंह, मृणाल शुभम, मेघु सिंह, कुंदन कुमार, बालमुकुंद ठाकुर, प्रशांत, कुंदन, कुणाल कुमार कन्हैया कुमार रमन कुमार हीरा ठाकुर, चंदन, सुभाष, प्रशांत शुक्ला, अभय, अजीत, विश्वजीत कुमार समेत बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।
अब हॉस्टल मुद्दा नहीं, छात्रहित के लिए लड़ाई : बसंत
विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू ने कहा कि छात्रावास खाली कराने के मुद्दे को लेकर जो आंदोलन चल रहा है वह सिर्फ यहीं तक नहीं सिमटा है। वह विराट रूप ले चुका है। हम हॉस्टल खाली करके कहीं नहीं जाएंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन से हम लड़ेंगे। पीजी इंट्रेंस टेस्ट में कैसे हुई गड़बड़ी जांच कर दोषियों की जवाबदेही तय हो। पहले ऑनलाइन कराया फिर ऑफलाइन आवेदन क्यों? ऑनलाइन सिस्टम लाखों खर्च का क्या मतलब? इसके नाम पर उगाही की गई है।
रजिस्ट्रार ने 54 बार की हवाई यात्रा
छात्र राजद के नेता चंदन यादव ने कहा कि रजिस्ट्रार अपनी शानोशौकत में जमकर फिजूलखर्ची करते हैं। उन्हें फोर व्हीलर मुहैया क्यों हुआ है जब इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। 54 बार हवाई जहाज से सफर की इसका खर्च विवि ने क्यों उठाया? विश्वविद्यालय का मेन गेट बंद ही रखना था तो उसपर लाखों रुपये खर्च कर विश्वविद्यालय का पैसा क्यों बर्बाद किया गया। इन सब चीजों के लिए जिम्मेवार रजिस्ट्रार पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। उनका सालभर का टर्म भी पूरा हो चुका है। राजभवन को अब उन्हें वापस बुला लेना चाहिए।
थर्ड पार्ट का रिजल्ट अब तक पेंडिंग
स्नातक पार्ट थ्री की कॉपी मूल्यांकन के लिए भागलपुर भेजी गई, मगर वापस नहीं लौटी। इस कारण हजारों छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग है। छह माह इंतजार में गुजर गए। स्नातक पार्ट टू का रिजल्ट भी अब विलंब हो रहा। गेस्ट फैकल्टी की बहाली के लिए इंटरव्यू के बाद अब तक टकटकी लगी है।