जिला प्रशासन की पहल के बाद अब राहत शिविरों में भी गूंजेगी किलकारी, प्रसव कक्ष बनेगा Muzaffarpur News
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवतियों का सर्वे कराने में जुटे अधिकारी। सुरक्षित प्रसव के लिए 24 घंटे एंबुलेंस सेवा।
By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 09:41 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 09:41 AM (IST)
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बाढ़ राहत शिविर में बनेगा प्रसव कक्ष। सुरक्षित प्रसव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। राहत शिविर में विशेष प्रसव कक्ष बनाया जाएगा। वहां पर 24 घंटे एंबुलेंस की सेवा होगी। पीएचसी यदि पानी से घिर जाएगा तो प्रसूति को सीधे एसकेएमसीएच पहुंचा दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को यूनिसेफ इसमें सहयोग कर रहा है। सबसे बाढ़ प्रभावित औराई, गायघाट व कटरा पर विशेष नजर रखी जा रही है।
प्रभावित इलाके का सर्वे
पहले चरण में बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में गर्भवतियों का सर्वे कराया जा रहा है। जुलाई, अगस्त व सितम्बर में संभावित प्रसव वाली महिलाओं को चिह्नित किया जाएगा। जिस गांव में गर्भवती महिला होगी वहां पर खास नजर रखी जाएगी। उनकी नियमित जांच तथा जरूरी दवा उपलब्ध कराई जा रही है। नाव के सहारे राहत शिविर में लाने की योजना है। सभी पीएचसी से रिपोर्ट मांगी गई है।
तीन प्रखंड पर विशेष नजर
स्वास्थ्य विभाग के साथ यूनिसेफ की टीम तैनात की जाएगी। यूनिसेफ के जिला समन्वयक राजेश कुमार के नेतृत्व में संवेदनशील प्रखंडों में अतिरिक्त वॉलिंटियर तैनात किए जा रहे हैं। औराई, गायघाट, कटरा प्रखंड पर खास नजर रखी जा रही है। यूनिसेफ की ओर से 31 सदस्यों की टीम अतिसंवेदनशील प्रखंड में तैनात दिखेगी। विशेष तैयारी को लेकर राज्य मुख्यालय में यूनिसेफ की ओर से इस सप्ताह बैठक का आयोजन किया गया है। राहत शिविर व चिकित्सा व्यवस्था की निगरानी के लिए नोडल पदािधकरी को लगाया गया है।
डॉक्टर सीएस प्रसाद को गायघाट, डॉक्टर आरपी श्वेतांकी को औराइ व डॉक्टर अमिताभ सिन्हा को कटरा का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि बाढ़ को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। सुरक्षित प्रसव के लिए शिविर में एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी। विशेष परिस्थति के लिए वहां पर कक्ष भी बनाया जाएगा। विपरीत हालत के लिए विशेष तैयारी है।
प्रभावित इलाके का सर्वे
पहले चरण में बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में गर्भवतियों का सर्वे कराया जा रहा है। जुलाई, अगस्त व सितम्बर में संभावित प्रसव वाली महिलाओं को चिह्नित किया जाएगा। जिस गांव में गर्भवती महिला होगी वहां पर खास नजर रखी जाएगी। उनकी नियमित जांच तथा जरूरी दवा उपलब्ध कराई जा रही है। नाव के सहारे राहत शिविर में लाने की योजना है। सभी पीएचसी से रिपोर्ट मांगी गई है।
तीन प्रखंड पर विशेष नजर
स्वास्थ्य विभाग के साथ यूनिसेफ की टीम तैनात की जाएगी। यूनिसेफ के जिला समन्वयक राजेश कुमार के नेतृत्व में संवेदनशील प्रखंडों में अतिरिक्त वॉलिंटियर तैनात किए जा रहे हैं। औराई, गायघाट, कटरा प्रखंड पर खास नजर रखी जा रही है। यूनिसेफ की ओर से 31 सदस्यों की टीम अतिसंवेदनशील प्रखंड में तैनात दिखेगी। विशेष तैयारी को लेकर राज्य मुख्यालय में यूनिसेफ की ओर से इस सप्ताह बैठक का आयोजन किया गया है। राहत शिविर व चिकित्सा व्यवस्था की निगरानी के लिए नोडल पदािधकरी को लगाया गया है।
डॉक्टर सीएस प्रसाद को गायघाट, डॉक्टर आरपी श्वेतांकी को औराइ व डॉक्टर अमिताभ सिन्हा को कटरा का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि बाढ़ को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। सुरक्षित प्रसव के लिए शिविर में एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी। विशेष परिस्थति के लिए वहां पर कक्ष भी बनाया जाएगा। विपरीत हालत के लिए विशेष तैयारी है।
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