उत्तर बिहार के बाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री का इंतजार, आशियाना बने स्कूल और ऊंचे स्थान Muzaffarpur News
राहत एवं बचाव कार्य सही ढंग से शुरू नहीं होने से प्रभावितों की स्थिति खराब होती जा रही है। बाढ़ पीडि़तों को अब भी मदद की आस।
By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 11:00 AM (IST)
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले के औराई और कटरा समेत उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। गंडक, बागमती, लालबकेया, पंडई और दोहरम सहित अन्य नदियाें के जलस्तर में लगातार बदलाव हो रहे। वहीं राहत एवं बचाव कार्य सही ढंग से शुरू नहीं होने से प्रभावितों की स्थिति खराब होती जा रही है। बाढ़ पीडि़तों को अब भी मदद की आस है। कई पीड़ित परिवारों ने अपना आशियाना स्कूल और उचे स्थानों को बनाया है।पूर्वी चंपारण के पताही प्रखंड मुख्यालय से एक दर्जन पंचायतो का सड़क संपर्क भंग हो गया है। यहां भी अबतक बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई भी समुचित कदम नहीं उठाया गया है। बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ पीड़ित भयभीत हैं।
सुगौली में टूटा सिकरहना रिंग बांध
पूर्वी चंपारण के सुगौली में सिकरहना नदी पर बना रिंग बांध तीन जगहों पर सोमवार की सुबह टूट गया। बाढ़ का पानी सुगौली थाना समेत कई गांवों में प्रवेश कर गया है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण दर्जनों गांव में पानी फैल रहा है। बंजरिया, ढाका, पताही व फेनहारा मेें बाढ़ के पानी में सैकड़ों लोग घिरे हैं। उन्हें एनडीआरएफ की मदद से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को बाहर सुरक्षित निकालने के लिए आठ मोटर वोट चलाए जा रहे हैं। 42 सरकारी व 12 निजी नाव चलाए जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सात प्रखंडों के 14 जगहों पर सामुदायिक रसोईघर शुरू किया गया है। यहां 29 हजार लोगों को भोजन कराने की कवायद की जा रही है।
सुगौली में टूटा सिकरहना रिंग बांध
पूर्वी चंपारण के सुगौली में सिकरहना नदी पर बना रिंग बांध तीन जगहों पर सोमवार की सुबह टूट गया। बाढ़ का पानी सुगौली थाना समेत कई गांवों में प्रवेश कर गया है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण दर्जनों गांव में पानी फैल रहा है। बंजरिया, ढाका, पताही व फेनहारा मेें बाढ़ के पानी में सैकड़ों लोग घिरे हैं। उन्हें एनडीआरएफ की मदद से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को बाहर सुरक्षित निकालने के लिए आठ मोटर वोट चलाए जा रहे हैं। 42 सरकारी व 12 निजी नाव चलाए जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सात प्रखंडों के 14 जगहों पर सामुदायिक रसोईघर शुरू किया गया है। यहां 29 हजार लोगों को भोजन कराने की कवायद की जा रही है।
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