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फिर शुरू होंगे केसीसी वितरण शिविर, चलेगा जागरूकता अभियान Muzaffarpur News

पशु और मत्स्य पालकों को भी मिलेगा ऋण शिविर में होंगे शामिल। शिविर के पांच दिन पूर्व बैठक कर आवेदनों का होगा सत्यापन।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 12:29 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 12:29 PM (IST)
फिर शुरू होंगे केसीसी वितरण शिविर, चलेगा जागरूकता अभियान Muzaffarpur News
फिर शुरू होंगे केसीसी वितरण शिविर, चलेगा जागरूकता अभियान Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आम किसानों के लिए यह खुशखबरी है कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) वितरण शिविर फिर शुरू होगा। इस बार पशु और मत्स्य पालकों को भी योजना का लाभ मिलेगा। फसल बीमा में शामिल होने की अनिवार्यता भी समाप्त होने की संभावना है। शिविर को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी ने सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को पत्र भेजा है। इसमें शिविर को लेकर प्रचार-प्रसार के अलावा जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

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 अब प्रत्येक माह के द्वितीय शनिवार को केसीसी शिविर का आयोजन होगा। इस बारे में जिला कृषि पदाधिकारी डॉ केके वर्मा ने कहा कि केसीसी शिविर को सफल बनाने के लिए कार्ययोजना बनाकर सभी बीएओ को भेजी गई है। फसल बीमा योजना को लेकर जो पेच फंसा है, उसे लेकर सरकार से दिशा निर्देश की प्रतीक्षा है। वहीं सेंट्रल बैंक मुजफ्फरपुर के एलडीएम डॉ. एनके सिंह ने कहा कि समाचार पत्र के माध्यम से जानकारी मिली है। केसीसी के लिए फसल बीमा की अनिवार्यता नहीं है। इसे लेकर रिजर्व बैंक से दिशा निर्देश व सरकार से आदेश की प्रतीक्षा है।

ये दिए गए निर्देश

- केसीसी शिविर आयोजन के पूर्व किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयक द्वारा किसानों से संपर्क करेंगे। वर्ष 2018-19 के लिए अधिक से अधिक आवेदन देने के लिए प्रेरित करेंगे।

- प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी के सहयोग से शिविर के पांच दिन पूर्व बैठक होगी। इसमें सभी कृषि समन्वयक, कृषि सलाहकार, अग्रणी बैंक के शाखा प्रबंधक, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारी भाग लेंगे। बैठक में प्राप्त आवेदनों के भूधारिता प्रमाणपत्रों की जांच करते हुए उनकी त्रुटियों को दूर करना है। इसके बाद बैंकों को भेजा जाए।

- प्रखंड स्तर पर संबंधित विभागों के पदाधिकारियों से सहयोग लेकर अधिक से अधिक केसीसी वितरण एवं ऋण दिया जाए।

- इस बार संयुक्त रूप से किसान ग्रुपों को बनाया जाए। इसमें बटाईदार, पट्टेदार तथा भूमिहीन किसानों को भी शामिल कर ऋण सुविधा दी जाए।

- इस बार मत्स्यं, पशु और मुर्गी पालकों को भी ऋण सुविधा मिलेगी।


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