जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के शिकार तालाब, मिटता जा रहा अस्तित्व Muzaffarpur News
उड़ाही नहीं कराए जाने से जल संचय का संकट। सकरा प्रंखड मुख्यालय के पास सबहा का तालाब प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। अधिकतर पंचायत जल संकट से गुजर रही हैं।
मुजफ्फरपुर, [अनिल कुमार]। प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते क्षेत्र के तालाबों की स्थिति दयनीय है। उड़ाही नहीं कराए जाने से इनमें जल संचय नहीं हो पा रहा है। वहीं कुछ तालाबों पर अतिक्रमण कर लिया गया है तो कुछ अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सकरा प्रंखड मुख्यालय के पास सबहा का तालाब प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। प्रंखड कार्यालय के इतने करीब होने के बावजूद किसी प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को इसमें जल संचय के लिए उड़ाही कराने का ध्यान नहीं दिया।
इस तलाब की उड़ाही और सौंदर्यीकरण कराने के लिए मुखिया सतीश पासवान, शत्रुघन सिंह, पप्पु सिहं, कृष्णा सिंहं ने प्रशासन से पहल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सकरा प्रंखड की अधिकतर पंचायत जल संकट से गुजर रही हैं। वर्षा के पानी का संचय करने से इस इससे निदान संभव है। इसी तरह की स्थिति क्षेत्र के कई तालाबों की है।
तालाब कुछ लोगोंं का निजी होने से नहीं हो रही प्रशासनिक पहल
लोगों ने बतया कि तालाब की भूमि निजी लोगों की होने से इसका सौंदर्यीकरण और उड़ाही का कार्य नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों ने जलसंकट से निपटने के लिए इसकी उड़ाही कराने की बात कही है। मुखिया सतीश पासवान ने बताया कि आरसी कॉलेज के पास जल संचय के लिए पोखर का प्रस्ताव है। इसे शीघ्र पूरा किया जाएगा।
वहीं सकरा वाजिद स्थित तालाब में चबूतरा निर्माण और मनरेगा के माध्यम से मिट्टी की कटाई कराई गई, लेकिन साफ-सफाई नहीं है। जल निकासी के लिए बनाया गया नाला सबहा होते हुए नून नदी में गया है। उसमें पानी नहीं होने से उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है।