एसएसबी के नौ जवानों पर पूर्व मुखिया पति के हत्या का आरोप, प्राथमिकी Madhubani News
एसएसबी कमांडेंट ने एसएसबी जवानों पर हत्या के आरोप को निराधार बताया। कथित हत्याकांड से आक्रोशित लोगों ने एनएच व लदनियां बाजार को किया जाम।
मधुबनी, जेएनएन। लदनियां थाना क्षेत्र की त्रिशुला नदी से रविवार की सुबह पुलिस ने बेलाही पंचायत की पूर्व मुखिया गीता देवी के पति विश्वेश्वर यादव (53) का शव बरामद किया। इस घटना की सूचना फैलते ही बेलाही गांव व आसपास के क्षेत्रों में सनसनी फैल गई। स्थिति भी विस्फोटक हो गई। तनाव का माहौल बना हुआ है। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने गश्ती पर निकले एसएसबी जवानों पर झलोन गांव में अचानक हमला बोल दिया। इस हमले में एसएसबी के हवलदार बालाजी पार्कर जख्मी हो गए।
वहीं कथित हत्या की घटना से आक्रोशित लोगों ने त्रिशुला नदी के पास एनएच-104 को जाम कर नारेबाजी शुरू कर दिया। इससे घंटों तक यातायात बुरी तरीके प्रभावित रहा। पुलिस निरीक्षक, जयनगर योगेंद्र रविदास, लदनियां के सीओ अजीत कुमार लाल जाम स्थल पर पहुंचे। स्थिति को अनंयंत्रित देख लदनियां थाना के अलावा ललमनियां एवं लौकहा थाना पुलिस को भी बुलाया गया।
पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों के काफी मशक्कत के बाद शाम में जाम हटा और इस पथ पर यातायात सामान्य हुआ। लेकिन, इसके बाद आक्रोशित लोगों ने फिर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शियां बाजार को जाम कर दिया। आक्रोशित लोग विश्वेश्वर यादव की कथित हत्या में नामजद आरोपित किए गए एसएसबी जवानों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
वहीं मृतक के पुत्र मनीष कुमार ने एसएसबी के नौ जवानों पर अपने पिता की हत्या का आरोप लगाते हुए लदनियां थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस प्राथमिकी में उन्होंने एसएसबी कंपनी मुख्यालय उप-निरीक्षण काजल पाल, एसएसबी जवान दिनेश ङ्क्षसह, सुनील पोद्दार, मनीष कुमार, मनमोहन कुमार, वीरेन ङ्क्षसह, दीपक कुमार, श्रवण कुमार एवं मनीष दिनकर को नामजद आरोपित किया है। प्राथमिकी में मृतक के पुत्र ने एसएसबी के उक्त पदाधिकारी व जवानों पर आरोप लगाया है कि पूर्व रंजिश के कारण उनके पिता की हत्या कर शव को छुपा दिया था।
प्राथमिकी में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि उनके पिता 5 जुलाई की शाम नेपाल के तेनुआपट्टी से शाम करीब 7 बजे लौट रहे थे। उनके साथ रूपेश कुमार, मुकेश कुमार व चाचा सुरेंद्र प्रसाद यादव भी थे। इसी क्रम में नेपाल के गरगमा से दक्षिण पिपराही के एसएसबी जवानों ने घेर लिया और कहा कि ये ही 23 अप्रैल 19 को एसएसबी जवानों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए पंचायत के दौरान अपमानित किया। फिर एसएसबी जवान उनके पिता को मारपीट करने लगे। चाचा सुरेंद्र प्रसाद यादव को भी बेरहमी से पिटाई किया। हालांकि वहां से रूपेश और मुकेश भाग निकला। साथ ही उनके पिता की हत्या कर साक्ष्य छुपाने की नीयत से त्रिशुला नदी में फेंक दिया। वहीं उनके चाचा सुरेंद्र प्रसाद यादव को शराब कारोबार के मामले में नामजद बना दिया।
हालांकि एसएसबी बटालियन मुख्यालय, राजनगर के कमांडेंट अजय कुमार ने दूरभाष पर बताया कि एसएसबी जवानों पर विशेश्वर यादव की हत्या करने का जो आरोप लगाया गया है वह निराधार है। उन्होंने यह भी बताया कि रविवार गश्ती से लौट रहे जवानों पर कुछ लोगों ने हमला बोल दिया, जिसमें हवलदार बालाजी पार्कर जख्मी हो गया है।