लागू होगा इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम, मरीजों की बीमारी के साथ मिलेगा फीडबैक
जिले के सभी अस्पतालों में ऑनलाइन ओपीडी रजिस्ट्रेशन से मिलेगी बीमारियों की जानकारी। आइएचआइपी कार्यक्रम का उद्देश्य समय से बीमारियों से स्वास्थ्य प्रशासन को अवगत कराना है।
समस्तीपुर, जेएनएन। समस्तीपुर सदर अस्पताल में इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफाॅर्म (आइएचआइपी) कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके अंतर्गत ओपीडी में मरीजों के हो रहे ऑनलाइन निबंधन सिस्टम (संजीवनी प्रोग्राम) से डाटा लेकर इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म के सॉफ्टवेयर में डाला जाएगा। मालूम हो कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व सदर अस्पताल में संजीवनी प्रोग्राम चल रहा है।
आइएचआइपी कार्यक्रम का उद्देश्य समय से बीमारियों से स्वास्थ्य प्रशासन को अवगत कराना है। ताकि त्वरित उपचार की कार्रवाई की जा सके। संजीवनी प्रोग्राम का डाटा इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन के सॉफ्टवेयर में प्रत्येक मरीज की बीमारी के साथ फीड किया जाएगा। ताकि बीमारी फैलने के साथ साथ कहीं महामारी फैलने की प्रतिदिन जानकारी मिल सके। एसीएमओ को इसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
रैपिड रिस्पांस सिस्टम का होगा गठन
सदर अस्पताल में रैपिड रिस्पांस सिस्टम टीम के डॉक्टरों व अन्य सदस्यों का नाम प्रदर्शित किया जाएगा व उनका उन्मुखीकरण भी जिला स्तर पर एसीएमओ करेंगे। रैपिड रेस्पांस टीम में फूड सेफ्टी ऑफिसर व जिला पशु चिकित्सा पदाधिकारी को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए जिलास्तरीय जूनोटिक कमेटी का भी गठन किया जाएगा। सभी निजी प्रैक्टिशनर से भी मरीजों की बीमारी के संबंध में आईडीएसपी (इंटीग्रेटेड हेल्थ सर्विलेंस प्रोग्राम) जानकारी लेगी व पूरे जिले में क्लिनिकल इस्टेबलिस्टमेंट एक्ट को लागू करेगी।
इन निजी नर्सिंग होम व प्राइवेट प्रैक्टिशनर का डिजिटल निबंधन भी किया जाएगा। जिला स्वास्थ्य समिति के वेबसाइट पर भी रिपोर्ट को डाला जाएगा। आइएचआइपी रियल टाइम डाटा रहेगा जिसके आधार पर मेडिकल ऑफिसरों को अलर्ट किया जाएगा। मॉनीटरिंग कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग विश्व स्वास्थ्य संगठन व केयर इंडिया के स्थानीय टीम का भी सहयोग लेगी। जिला स्वास्थ्य समिति के वाहन का उपयोग मॉनीटरिंग व आउटब्रेक इंवेस्टिगेशन काम के लिए उपयोग किया जाएगा।
इसके तहत इस जिले में कैंसर के मरीजों का लाइन लिङ्क्षस्टग भी होगी। सिलिकोसिस की रोकथाम के लिए जागरूकता कैंप लगाया जाएगा व टास्क फोर्स का भी गठन किया जाएगा। सदर अस्पताल में वायरल हेपेटाइटिस मैनेजमेंट यूनिट भी खोली जाएगी। साथ ही रैबिज सर्विलेंस प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा। जिले में इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन सहित अन्य कार्यक्रमों के लागू होने से बीमारियों की पहचान व रोकथाम में मदद मिलेगी।
निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की भी ली जाएगी जानकारी
निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के बीमारी की जानकारी प्राप्त की जाएगी। सभी प्राइवेट नर्सिंग होम से प्रत्येक दिन का रिपोर्ट लिया जाएगा। इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम में अस्पताल प्रबंधक यह सुनिश्चित करेंगे कि नियमित रूप से डाटा का इंट्री हो रहा है। स्वास्थ्य प्रबंधक की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।
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