चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी से सभी का हाल बुरा, स्कूली बच्चों की बढ़ गई परेशानी
तपती धूप व उमस भरी गर्मी से इंसान से लेकर जीव जंतु तक परेशान। पसीने से लथपथ तेज धूप गर्म हवा बिजली गुल होते हीं गर्मी से बेचैनी बढ़ जाती है।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। जिले में पसीने से लथपथ, तेज धूप, गर्म हवा, बिजली गुल होते हीं गर्मी से बेचैनी बढ़ जाती है। गर्मी से इंसान से लेकर जीव जंतु तक सभी परेशान हैं। मई माह में इस स्थिति से लोग काफी बेचैन है। गर्मी के कारण लोग दस बजे से शाम चार बजे तक घर में रहना पसंद कर रहे हैं। बहुत जरूरी काम रहने पर ही लोग घरों से निकल रहे हैं। अधिकांश लोग सिर पर टोपी, गमछा और मुंह को गमछा व स्टॉल से बांधकर ही घर से निकलने में भलाई समझ रहे हैं।
शादी-विवाह के इस मौसम में लोगों को और परेशानी हो रही है। गर्मी में असावधानी के कारण लोग बीमार भी हो रहें हैं। चिकित्सकों के यहां गर्मी से तरह-तरह की बीमारियों से पीडि़त लोगों को देखा जा रहा है। इस धूप में सबसे अधिक समस्या स्कूली बच्चों को हो रही है। बच्चों के स्कूल से घर लौटने का जब समय होता है उस वक्त सूर्य आग के गोले बरसा रहा होता है। जिसकी वजह से स्कूली बच्चों में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है।
जानलेवा है उमस भरी गर्मी
सुनैना स्मृति सेवा संस्थान हरनाटांड़ के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. कृष्णमोहन राय बताते हैं कि उमस भरी गर्मी की वजह से पसीना निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और खून मोटा हो जाता है। ऐसे में हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। कई बार लकवे की शिकायत भी हो जाती है। पसीने की वजह से शरीर में नमक का संतुलन भी बिगड़ जाता है, जिसका खामियाजा हृदय रोगियों के साथ-साथ सामान्य व्यक्ति को भी भुगतना पड़ सकता है। इसके अलावा जो लोग एसी में रहते हैं उन्हें अचानक तापमान के बदलाव से बचना चाहिए। ऐसे में लोगों को बाहर की गर्मी के बाद अचानक एसी की ठंडक में आने से भी बचना चाहिए।
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