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पुलिस के सुरक्षा दावे साबित हुए बेकार, फायरिंग से लोगों में बढ़ा भय

एक तरफ फ्लैग मार्च तो दूसरी तरफ सरेआम पिस्टल लेकर घूम रहे अपराधी। पुलिस पर फायरिंग कर आसानी से भाग जा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 09:50 AM (IST)
पुलिस के सुरक्षा दावे साबित हुए बेकार, फायरिंग से लोगों में बढ़ा भय
पुलिस के सुरक्षा दावे साबित हुए बेकार, फायरिंग से लोगों में बढ़ा भय

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। चुनाव एवं होली के मद्देनजर जिले में लाख सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने की बात कही जा रही हो। पर, सच्चाई कुछ और ही है। जिला पुलिस के वरीय अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था के हजार दावे कर रहे हैं, पर सब बेकार साबित हो गए। शहर में एक तरफ फ्लैग मार्च निकालकर अपराधियों में दहशत फैलाने की बात कही जा रही है। लेकिन, दूसरी तरफ सरेआम शहर में ही अपराधी पिस्टल लेकर घूम रहे हैं और पुलिस पर ही फायरिंग कर आसानी से भाग जा रहे हैं।

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   इससे सुरक्षा व्यवस्था के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अपराध नियंत्रण की तमाम रणनीति की इस घटना ने पोल खोल कर रख दी। सरेशाम जवानों पर फायरिंग ने नाकेबंदी और पुलिस गश्ती पर भी सवालिया निशान लगा दिया। वहीं, फायरिंग से लोगों में भय ज्यादा बढ़ गया है। 

थानेदारों ने करा रखी किरकिरी

वरीय अधिकारियों के आदेश को ताक पर रखकर थानेदारों ने जिला पुलिस की किरकिरी करा दी है। घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार थानेदारों की लापरवाह कार्यशैली सामने आ रही है। पर कड़ी कार्रवाई नहीं होने से इन्हें फर्क नहीं पड़ता। घटना के बाद जितनी फुर्ती उक्त थानेदार अपने वरीय अधिकारियों के सामने दिखाते हैं, उतना अगर गश्ती और सुरक्षा व्यवस्था में दिखाएं तो नतीजे सामने आएंगे।

अपराधियों के मन से पुलिस का भय समाप्त

इस घटना से यह साफ हो गया अपराधियों के मन से पुलिस का भय समाप्त हो गया है। इतने जवानों के एक साथ होने के बावजूद गोली मार कर भाग निकलना। इसे पुलिस की विफलता ही कही जाएगी। अब अपराधी पुलिस को देखकर भागते नहीं सामना करते हैं।

जांच में लापरवाही का नतीजा

पुलिस की जांच में लापरवाही का नतीजा है कि शहर में आसानी से हथियार पहुंच रहा है और अपराधी इसे लेकर घूम रहे हैं। वरीय अधिकारी लाख गश्ती मजबूत करने के दावे कर रहे हो पर सच कुछ और ही है। गश्ती में तैनात पदाधिकारी अपने वाहन से नहीं उतरते। एक जगह पर पुलिस जीप खड़ी कर उसी में बैठे रहते हैं। हाइवे पर भी यही स्थिति है। इसलिए आसानी से हथियार लेकर अपराधी घूमते रहते हैं।


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