आइसीयू की सभी मशीनें खराब
स्वास्थ्य योजनाओं का फीडबैक लेने आई केंद्रीय टीम सिस्टम से खिन्न दिखी।
मुजफ्फरपुर। केंद्र व राज्य सरकार की मदद से चलने वाली स्वास्थ्य योजनाओं का फीडबैक लेने आई केंद्रीय टीम सिस्टम से खिन्न दिखी। सदस्यों ने स्पष्ट रूप से कहा कि अराजक व्यवस्था के कारण सरकार के लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद गरीब मरीजों को फायदा नहीं मिल रहा। निरीक्षण के दौरान आइसीयू की सारी मशीनें खराब मिलीं। वहां काम करने वालीं एएनएम पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं थीं। एनसीडीसी सेल में कार्यरत कर्मी को बीपी मापने का तरीका नहीं पता था। सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट गलत थी। डीपीएम से टीम लीडर ने जब पूछा कि कौन डाटा तैयार कर रहा है तो बताया गया कि अस्पताल सहयोगी से डाटा ऑपरेटर का काम लिया जा रहा है। इस पर टीम के सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि डीपीएम साहब जो स्थिति है उसमें गोरखपुर वाली स्थिति कभी भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जो कमियां हैं उसको समय रहते दूर किया जाए ताकि सरकार के लाखों रुपये बर्बाद न हो। आशा का भुगतान सही समय पर किया जाए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एनएचएसआरसी कार्यक्रम के सलाहकार डॉ.शालनी सिन्हा व सैयद अब्बास की टीम जिला मूल्यांकन पदाधिकारी जयशंकर प्रसाद, व जिला आशा प्रबंधक राजकिरण, केयर के जिला समन्वयक संजीव कुमार के साथ मोतीपुर के बिरहिमा बजार तथा सरैया के जैतपुर एपीएचसी का निरीक्षण किया। वहीं दोपहर बाद सदर अस्पताल का जायजा लिया।
पैथोलॉजी सेंटर पर टीम ने हेल्थ प्रबंधक प्रवीण कुमार से पूछा कि गर्भवती महिलाओं को कौन-कौन सी जांच की सुविधाएं मिल रही हैं। उन्हें बताया गया कि जांच तो हो रही है, लेकिन अल्ट्रासाउंड बाहर से कराना पड़ रहा है। सुबह से शाम तक जांच की व्यवस्था नहीं होने पर भी नाराजगी प्रकट की। टीम के सदस्य शाम में डीएम से मिलकर रवाना हुए।