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मुजफ्फरपुर जिले में डेंगू के 18 और मरीज मिले, कुल 72 इलाजरत

श्री कृष्ण मेडिकल कालेज व अस्पताल में डेंगू मरीजों का चल रहा इलाज। सीएस ने कहा कि जितने भी निबंधित अस्पताल और जांच केंद्र हैं उनको डेंगू की नियमित रिपोर्ट देनी है। कुल मरीजों की संख्‍या 130 हुई।

By Jagran NewsEdited By: Dharmendra Kumar SinghPublished: Tue, 29 Nov 2022 09:16 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 09:16 AM (IST)
मुजफ्फरपुर जिले में डेंगू के 18 और मरीज मिले, कुल 72 इलाजरत
मुजफ्फरपुर में डेंगू मरीजों का चल रहा इलाज। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। जिले में इसके 18 और मरीज मिले हैं। सोमवार को 54 नमूनों की जांच रिपोर्ट के बाद नए मरीजों की पहचान हुई है। सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने बताया कि कुल मरीजों की सख्या 130 हुई, जिनमें अभी 72 इलाजरत हैं। शेष स्वस्थ हो चुके हैं। पांच मरीजों का श्री कृष्ण मेडिकल कालेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) और तीन का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। आशा के जरिए मरीजों पर नजर रखी जा रही है। सिविल सर्जन ने जिला मलेरिया कार्यालय को निजी अस्पतालों से समन्वय बनाने का निर्देश दिया है। सीएस ने कहा कि जितने भी निबंधित असपताल व जांच केंद्र हैं उनको डेंगू की नियमित रिपोर्ट देनी है। रिपोर्ट नहीं देने पर उनके उपर सख्ती होगी। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डा.सतीश कुमार ने बताया कि जहां मरीज मिल रहे हैं वहां फागिंग कराई जा रही है।

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सदर अस्पताल में बढ़ी मौसम जनित बीमारियों के मरीजों की संख्या

मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल में मरीजों की काफी भीड़ रही। दवा वितरण केंद्र पर महिलाओं व पुरुषों की लंबी लाइन घंटों तक देखने को मिली। दवाई लेने के लिए लाइन में लगी महिलाएं आगे बढ़ने के लिए आपस में बहस भी कर रहीं थीं। हालांकि महिला स्टाफ स्थिति को संभालने को मौजूद थीं। ओपीडी के गेट के बाहर से ही कतार लगी थी। इसके साथ ही पैथोलाजिकल जांच करवाने वालों की संख्या भी आम दिनों की तुलना में अधिक थी।

सदर अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डा. नवीन कुमार ने बताया कि बीते दो दिनों से मौसम जनित रोग से पीड़ित मरीज अधिक आ रहे हैं। लोगों को कान का संक्रमण, जोड़ों का दर्द व श्वसन संबंधी रोग हो रहे हैं। गिरते तापमान के साथ लंबे समय तक घरों के अंदर रहने वाले बच्चे और बड़े लोग खासकर महिलाएं भी बीमार होती हैं। इसका कारण है बंद वातावरण में वायरस का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से प्रवेश होना, जिससे फ्लू व अन्य श्वसन दोष हो सकते हैं। जिले में बीमार होने में वायु प्रदूषण का बढ़ना भी बड़ी वजह है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक के वयस्क, गर्भवती महिलाओं, कमजोर इम्यूनिटी वाले व पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोग व मोटापा के शिकार लोगों को आमतौर पर फ्लू (इन्फ्लुएंजा) होता है। ठंड में वायरस व बैक्टेरिया के कारण गले में सूजन, उच्च रक्तचाप, निमोनिया, बुखार, सिरदर्द और उल्टी की समस्याएं हो सकती हैं।


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