रास्ते के विवाद में 30 घंटे दरवाजे पर रखा रहा शव
मुजफ्फरपुर : रास्ते के विवाद में मानवता इस कदर खत्म हो गई कि कुछ लोगों ने वृद्ध की शव यात्रा रोक दी।
मुजफ्फरपुर : रास्ते के विवाद में मानवता इस कदर खत्म हो गई कि कुछ लोगों ने वृद्ध की शव यात्रा रोक दी। इसके चलते तकरीबन 30 घंटे तक शव दरवाजे पर पड़ा रहा। मामला स्थानीय अधिकारियों से लेकर डीएम तक पहुंचा। आक्रोशित लोग सड़क पर उतर आए, तब जाकर प्रशासन ने पहल की और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। मामला मुशहरी प्रखंड के चकगाजी (सहबाजपुर) गांव का है।
रामसेवक साह के पिता भदई साह (75) का निधन मंगलवार सुबह हो गया। जब परिजन और ग्रामीण शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाने लगे तो पड़ोसी राजेंद्र साह ने अन्य लोगों के साथ अपनी जमीन से जाने से रोक दिया। उनका कहना था कि यह जमीन उनकी है। इधर से शव यात्रा नहीं ले जा सकते। समझाने के बाद भी वे सुनने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद परेशान परिजन स्थानीय अधिकारियों समेत डीएम के पास गए। वहा से कोई पहल नहीं हुई। इस पर आक्रोशित लोगों ने बुधवार सुबह 11 बजे मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी एनएच-77 को अहियापुर के पास जाम कर दिया। मामला बढ़ता देख पंचायत के मुखिया, सरपंच व अन्य लोगों ने पहल की। सीओ मौके पर पहुंचे। इसके बाद करीब तीन बजे शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
20 साल से चल रहा विवाद :
रामसेवक व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सड़क किनारे बसे महेंद्र साह ने मुख्य सड़क तक पांच फीट जमीन रास्ते में दी थी। पड़ोसी राजेंद्र साह ने करीब 20 साल पहले महेंद्र से दो डिसिमल जमीन रजिस्ट्री कराते समय धोखे से इससे सटी रास्ते की यह पांच फीट जमीन भी लिखा ली थी। तब से विवाद चल रहा है। इससे प्रभावित दर्जनों परिवारों के लोग पांच साल पहले डीएम के यहां धरना भी दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। रास्ते को लेकर पीड़ित सहबाजपुर चकगाजी के रामसेवक साह, राजेश साह, शिव सागर साह, किशोरी साह, राम सागर साह, किशोर कुमार साह और बैद्यनाथ साह आदि का कहना है कि हम लोग लंबे समय से दूसरे के आंगन से होकर आया-जाया करते हैं।
मुशहरी के अंचलाधिकारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि घटनास्थल पहुंचने के बाद किसी ने कोई बाधा उत्पन्न नहीं की। शव को दाह संस्कार के लिए भेज दिया गया। जांच कर रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंपी जाएगी।