पूर्वी चंपारण: नगर निगम के ड्रेनेज सिस्टम पर खर्च होंगे 1447 करोड़ रुपये, डीपीआर तैयार
East Champaran 945 मीटर लंबाई में 39 नेटवर्किंग ड्रेनेज का होगा निर्माण जलजमाव से राहत के लिए सभी नालों को एक दूसरे से कनेक्ट किया जाएगा। साथ ही पुराने बने नाला को भी दुरुस्त कर उसके लेवल को ठीक किया जाएगा।
मोतिहारी (पूचं), जासं। नगर निगम क्षेत्र को अब जलजमाव से मुक्ति मिलेगी। जाम नाला व एक दूसरे से कनेक्ट करने को लेकर बुडको द्वारा स्ट्रम वाटर ड्रेनेज प्लान तैयार किया गया है। इसका डीपीआर तैयार कर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पिछले बरसात में जलजमाव को देखते हुए जिलाधिकारी ने विभाग को प्रस्ताव भेजा था। बुड़को के कार्यपालक अभियंता गजेंद्र पासवान ने बताया कि डीपीआर तैयार कराकर योजना को कार्यरूप देने की कवायद की जा रही है। इस योजना के तहत शहर में 39 नेटवर्किंग ड्रेनेज बनाया जाएगा। साथ ही इसकी लंबाई 945 मीटर में होगी। बताया कि सभी नालों को एक दूसरे से कनेक्ट किया जाएगा। बताया गया कि पुराने बने नाला को भी दुरुस्त कर उसके लेवल को ठीक किया जाएगा। इससे शहर में आने वाले समय में जलजमाव से मुक्ति मिलेगी।
बरियारपुर में शवदाह गृह निर्माण की मिली स्वीकृति
शहर में क्रिमेटोरियम बनाने की स्वीकृति नगर विकास विभाग ने दे दी है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने विभाग को प्रस्ताव भेजा था। बताया गया कि स्वीकृति मिलने के बाद अब टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है। धनौती नदी के किनारे बरियारपुर में इस योजना के तहत शवदाह गृह बनाया जाएगा। 55 डिसमिल में बनने वाले क्रिमेटोरियम में छह प्लेटफार्म बनाने की बात बताई जा रही है। जिसमें दो विद्युत से संचालित होंगे, जबकि चार प्लेटफार्म पारंपरिक यानी लकड़ी से संचालित होंगे। शवदाह गृह बनाने पर 10 करोड़ 53 लाख रुपये खर्च होंगे।
बूंदाबांदी के बाद कीचड़मय हुई सड़कें, बढ़ी परेशानी
बेतिया। जिले के विभिन्न इलाकों में गुरुवार की रात हुई बूंदाबांदी और बारिश से सड़कें कीचड़मय हो गई है। कहीं कहीं सड़कों पर हल्का पानी भी लग गया। हालांकि सुबह में मौसम ने करवट ली और आसमान साफ हो गया। धूप खिलने से लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिली। लेकिन दोपहर बाद फिर से आसमान में मेघ छा गए। सुबह में ठंड और कनकनी में थोड़ी कमी आई तो लोगों ने चैन की सांस ली। लेकिन दोपहर बाद बादल घिर आगे से ठंड में इजाफा हो गया। सड़कों पर कीचड़ होने से लोगों को काफी परेशानी हुई। बारिश से गेहूं को फसलों को फायदा हुआ है। जबकि गन्ना किसानों की परेशानी बढ़ गई है। खेत गीली हो जाने के कारण खेतों से गन्ना निकालने में दिक्कत हो रही है। किसान अजय कुशवाहा, मारकंडेय ङ्क्षसह, भारत पटेल, हनीफ मियां ने बताया कि बारिश से गेहूं की फसलों को काफी फायदा हुआ है। पटवन करने से मुक्ति मिल गई है। नगर के सुमित कुमार, रोहन अग्रवाल, संतोष ङ्क्षसह ने कहा कि बूंदाबांदी और बारिश के कारण काफी परेशानी हुई है। कीचड़ की वजह से सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। जिस कारण सड़क पर चलने में परेशानी हो रही है।