Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Election 2025: तारापुर की जंग पर सभी की निगाहें, कौन बनेगा सम्राट

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 06:00 AM (IST)

    तारापुर विधानसभा उपचुनाव पर सबकी नजर है। राजनीतिक दल अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए जोर लगा रहे हैं। देखना यह है कि मतदाता किसे चुनते हैं और कौन 'सम्राट' बनता है। युवा और बुजुर्ग मतदाताओं का समर्थन परिणाम के लिए महत्वपूर्ण होगा।

    Hero Image

    तारापुर विधानसभा सीट पर सम्राट चौधरी और अरुण कुमार साह के बीच लड़ाई। फाइल फोटो

    संदीप कुमार, तारापुर। मुंगेर की तारापुर विधानसभा सीट पर पूरे राज्य की निगाहें हैं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भाजपा उम्मीदवार के तौर पर यहां दावेदारी पेश कर रहे, सामने हैं राजद के अरुण कुमार साह। लड़ाई सीधी है।

    मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए जोर-आजमाइश चरम पर। भाजपाई वोटरों को यह कहकर लुभा रहे, सम्राट जीते तो क्षेत्र का भाग्य चमकेगा। डिप्टी सीएम तो हैं ही, क्या पता आने वाले समय में सीएम बन जाएं।

    वहीं, राजद वाले कह रहे, इफ-बट में नहीं रहना है। तेजस्वी को सीएम बनाना है। यह तभी संभव है जब राजद के विधायक जीतें और महागठबंधन को बहुमत मिले। जनता गुणा गणित कर रही, तारापुर की गद्दी का सम्राट किसे चुने।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लदौआ मोड़ से आगे जैसे ही आप असरगंज की ओर बढ़ेंगे सड़क के दोनों किनारों पर दुकानों पर सजे ललका, उजरका रसगुल्ला आकर्षित करेंगे। गन्ने का रस बेचने वाले भी थोक में।

    सुल्तानगंज से देवघर जाने वाले कांवरिया पथ से थोड़ी ही दूर होने के कारण यहां हमेशा रौनक बनी रहती है। सड़क किनारे शकुनी चौधरी इंजीनियरिंग कालेज की भव्य इमारत के आगे खड़ी कई गाड़ियों और भाजपा के झंडों ने चुनावी गहमागहमी के दर्शन कराए। सियासी चौसर के माहिर छह बार तारापुर से विधायक रहे सम्राट के पिता शकुनी चौधरी के नाम पर बने इस भवन को चुनावी कार्यालय की तरह इस्तेमाल किया जा रहा।

    यहीं, गन्ना बेच रहे दुकानदार बोले। ये परिवार तारापुर का गौरव रहा है। सम्राट चौधरी भले यहां से विधायक नहीं रहे, लेकिन डिप्टी सीएम रहते उन्होंने क्षेत्र के लिए बहुत काम किया।

    रिंग रोड, रेल परियाजना, औद्योगिक पार्क सब उन्हीं की देन है। भागलपुर का एयरपोर्ट सुल्तानगंज ले आए। पावर में रहे तब न। यहां से विधायक बन जाएंगे तो और बढ़िया होगा। हालांकि, उनके पास खड़े मिश्रा जी ने यह कहते हुए बात को विराम दिया कि बिहार में विकास से खाली चुनाव जीता है का जी, जातिये चलतय।

    थोड़ी दूर आगे गाजीपुर मध्य विद्यालय के मैदान में तेजस्वी की चुनावी सभा प्रस्तावित थी। भारी बारिश के बावजूद ठीकठाक भीड़ जुटी थी। पता चल गया था कि तेजस्वी अब नहीं आएंगे, लेकिन लोग मैदान छोड़ने को तैयार नहीं थे।

    वहां खड़े तैयब आलम ने कहा, यहां का सारा वोट राजद को ही जाएगा। पिछली बार तो तीर के कारण समाज का कुछ वोट उधर गया भी था, लेकिन इस बार कमल के कारण कोई डाउट नहीं। आसपास के यादव बहुल गांवों में भी पूरा उत्साह है, तेजस्वी को ही सीएम बनाना है।

    खड़गपुर जाने के रास्ते में कुछ युवा बरगद से लटकते तने पर झूलते मिले। बातचीत हुई तो कहा, हमें तो नौकरी चाहिए। रोजगार चाहिए। विकास हुआ है यह तो ठीक है, लेकिन एक ही को मौका मिलेगा तो उसका पेट मोटा हो जाएगा। बदलाव तो होना चाहिए।

    मौका मिलेगा ही नहीं तो दावों को परखेंगे कैसे। तांती समाज के ये बच्चे पहली बार वोट देने को लेकर उत्साहित थे। उनकी इस राय से इतर सब्जी बेच रहीं महिलाएं बदलाव से कतई सहमत नहीं दिखीं।

    उनकी राय में तो जिसने इतना कुछ दिया है, उसका अहसान जताना चाहिए। दस हजार रुपया, पेंशन की बढ़ी राशि, मुफ्त बिजली की चर्चा करना नहीं भूलतीं। डिसाइडर।

    तारापुर बस स्टैंड से ठीक पहले एक तरफ भाजपा के कार्यालय है तो सड़क की दूसरी ओर राजद का कार्यालय। दोनों ओर गहमागहमी थी, बाहर टोटो में प्रत्याशी के पक्ष में वोट अपील का गाना एक-दूसरे की आवाज को दबाने की पुरजोर कोशिश कर रहा था। यहीं, बड़े से खंभे पर लगा विशाल तिरंगा शान से लहरा रहा था। जैसे, लोकतांत्रिक पर्व की खुशियां मना रहा हो।

    एक-दूसरे के किले में सेंधमारी की जुगत

    तारापुर में नामांकन से ठीक पहले बिंद समाज के 20 हजार वोटों को अपने पाले में करने के लिए सम्राट चौधरी वीआइपी के नेता सकलदेव बिंद को दल-बल के साथ भाजपा में ले आए। सकलदेव का अपने समाज पर गहरा प्रभाव है।

    महागठबंधन के लिए यह एक झटका है जो मुकेश सहनी के साथ होने के कारण इस वोट बैंक को अपना मान रहा था। दूसरी ओर, महागठबंधन एनडीए के साथ रहने वाले तांती समाज को अपने पाले में करने में सफल रहा है।

    आइपी गुप्ता महागठबंधन के साथ हैं। उनकी पार्टी को तारापुर से सटे जमालपुर सीट से चुनाव लड़ने का मौका भी मिला है, यहां तांती समाज राजद के पक्ष में गोलबंद है। राजद उम्मीदवार यह भी उम्मीद पाले है कि उनके उम्मीदवार को वैश्य समाज का होने का फायदा मिलेगा।

    हालांकि, एनडीए ने इसकी काट भी ढूंढी है ताकि वैश्य खुश रहें। बगल की मुंगेर सीट से पिछले चुनाव में जीते हुए यादव प्रत्याशी को हटाकर वैश्य उम्मीदवार मैदान में उतार दिया गया है। वजीर के लिए प्यादे की कुर्बानी।

    जातिगत आंकड़ा

    जाति संख्या
    यादव 65,000
    कोयरी कुर्मी 60,000
    ब्राह्मण 26,000
    राजपूत 25,000
    भूमिहार 12,000
    कायस्थ 6,000
    मुस्लिम 18,000
    बिंद 20,000
    तांती-पान 12,000
    वैश्य 32,000

    2021 उपचुनाव का नतीजा

    उम्मीदवार पार्टी प्राप्त मत
    राजीव कुमार सिंह जदयू 79,090
    अरुण कुमार शाह राजद 75,238
    जीत का अंतर 3,852