मंडी से निकलते ही बढ़ जाती है सब्जियों की कीमत
मुंगेर। सब्जियों की कीमत ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। बाढ़ और बरसात के कारण निचले
मुंगेर। सब्जियों की कीमत ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। बाढ़ और बरसात के कारण निचले इलाके में सब्जी के खेतों में पानी आ गया है। इस कारण मंडी में हरी सब्जियों की आवक कम हो गई है। इसका असर सब्जियों की कीमत पर पड़ा है।
मंडी में ही सब्जियों की कीमत तेज है, लेकिन मंडी से बाहर निकलते ही सब्जी की कीमत और अधिक बढ़ जाती है। इसके पीछे खुदरा विक्रेताओं की लालच भी एक बड़ी वजह है। थोक मंडी में खीरा 12 रुपये किलो बिक रहा है, लेकिन खुदरा बाजार में पहुंचते ही खीरा की कीमत 20 रुपये प्रति किलो हो जाती है। इसी प्रकार बैगन थोक मंडी में 18 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, लेकिन खुदरा मार्केट में 40 रुपये किलो हो जाती है। इसी प्रकार का अंतर अन्य सब्जियों की कीमत में दिखाई पड़ती है।
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सब्जी थोक मंडी का दर
खीरा : 12 रुपये किलो
बैगन : 18 रुपये
कच्चा मिर्च : 80 रुपये
कद्दू : 20 रुपये प्रति पीस
भिडी : 18 रुपये
शिमला मिर्च : 80 रुपये
टमाटर : 40 रुपये किलो
करेला : 20 रुपये
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खुदरा बाजार
खीरा : 20 रुपये किलो
बैगन : 40 रुपये
हरी मिर्च : 80 से 100 रुपये
कद्दू : 15 रुपये प्रति पीस
भिडी : 30 रुपये
शिमला मिर्च : 80 रुपये
टमाटर : 60 रुपये किलो
करेला : 30 रुपये
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जिला प्रशासन को दर निर्धारित करना चाहिए
सब्जी खरीदने आई रीना पासवान ने कहा कि सब्जी की कीमत मध्यम वर्ग के लोगों की पहुंच से दूर हो गई। वहीं, दूसरी ओर गुलाब सिंह ने कहा कि खुदरा विक्रेताओं के लिए जिला प्रशासन को दर निर्धारित कर देना चाहिए। खुदरा विक्रेता अधिक लाभ कमाने के लिए महंगाई बढ़ा रहे हैं।