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पुरोधा प्रमुख के ऑनलाइन प्रवचन से जुड़े पांच हजार आनंदमार्गी

मुंगेर । जमालपुर एवं उसके आसपास के इलाकों से लगभग पांच हजार से अधिक आनंदमार्गी विश्वस्तरीय ध

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 06:52 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 06:52 PM (IST)
पुरोधा प्रमुख के ऑनलाइन प्रवचन से जुड़े पांच हजार आनंदमार्गी
पुरोधा प्रमुख के ऑनलाइन प्रवचन से जुड़े पांच हजार आनंदमार्गी

मुंगेर । जमालपुर एवं उसके आसपास के इलाकों से लगभग पांच हजार से अधिक आनंदमार्गी विश्वस्तरीय धर्म महासम्मेलन में भाग लेने जाते थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए आनंद मार्ग प्रचारक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी समिति ने 29 से 31 तक पश्चिम बंगाल के पुरलिया में आयोजित होने वाले धर्म महासम्मेलन को स्थागित कर दिया। आनंद मार्ग प्रचारक संघ के पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत जी ऑनलाइन लाइव वेबकास्टिग द्वारा संघ के साधक - साधिकाओं (अनुयायियों) को संबोधित किया। जिसका लाभ जमालपुर एवं आसपास के आनंद मार्गी ने उठाया। मंगलवार को वेब टेलिकास्ट से आनंद मार्ग प्रचारक संघ के पुरोधा प्रमुख श्रद्धेय आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत जी का प्रवचन सुना। प्रवचन का प्रसारण आनंद मार्ग प्रचारक संघ यूट्यूब चैनल, आनंद मार्ग सेंट्रल यूट्यूब चैनल एवं आनंद मार्ग लाइव डॉट ओआरजी के माध्यम से लीलानंद और नित्यानंद के विषय में बोलते हुए आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत जी ने कहा कि सृष्टि, स्थिति और लय यह शाश्वत नियम है। वेद के अनुसार स्थूल, सूक्ष्म, अति सूक्ष्म सबकी उत्पत्ति आनंद से हुई है, सभी आनंद में ही स्थित है। एक दिन सभी आनंद में लय हो जाएगा। वहीं, तंत्र का यह कहना है कि सब की उत्पत्ति हमसे हुई है। सभी हममें ही स्थित है और एक दिन सब मेरे में ही लय हो जाएगा। आचार्य जी ने कहा कि वेद ज्ञानात्मक है एवं तंत्र व्यवहारात्मक है। नित्यानंद से सब की उत्पत्ति हुई है, लीलानंद में सभी स्थित है और पुन: नित्यानंद में सभी लय कर जाएंगे।

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जो लोग लीला भाव में डूबे हैं। वे कभी किसी से भय नहीं करते। आचार्य जी ने कहा कि कोरोना वायरस से उत्पन्न महामारी से बचने का एकमात्र उपाय है सात्विक भोजन करना, शुभ चितन करना, भजन, कीर्तन और साधना में निमग्न रहते हुए नियमित आसन कौशिकी एवं तांडव का अभ्यास करना। साथ साथ स्थानीय सरकार के बताए गए नियमों का भी पालन करना है।


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