कारा बंदियों पर हो रही अमानवीयता पर लगे रोक
मुंगेर : जनाधिकार मोर्चा के अध्यक्ष संजय केशरी ने बिहार के कारा मंत्री, आरक्षी महानिरीक्ष्
मुंगेर : जनाधिकार मोर्चा के अध्यक्ष संजय केशरी ने बिहार के कारा मंत्री, आरक्षी महानिरीक्षक कारा को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कोई बंदी अपराधी है या नहीं और अगर वह अपराधी है तो उसे क्या सजा मिलेगी, यह तय करना न्यायालय का काम है। परंतु दुर्भाग्यवश यह अधिकार मंडल कारा उपाधीक्षक निर्मल कुमार प्रभात ने अपने हाथों में ले रखा है। यही कारण है कि मंडल कारा में बिल्कुल न सिर्फ जेल मेन्युल की धज्जियां उड़ाई जा रही है । बल्कि बंदियों के मानवाधिकारों का भी घोर उल्लंघन किया जा रहा । इनके किमजोंग वाली भूमिका से आजिज बंदियों द्वारा सिर्फ मुंगेर में अबतक 5 मुकदमे कारा उपाधीक्षक पर किए जा चुके हैं । मानवाधिकार कार्यकर्ता बंदी चंद्रमा यादव के साथ जेलर निर्मल कुमार प्रभात ने किया मानवाधिकार का उल्लंघन किया है। जेल मेन्युअल के पालन के निवेदन मात्र से ही भड़के काराअधीक्षक ने न सिर्फ बुरी तरह से पिटाई कर दी बल्कि उनसे रुपये की भी मांग की गई । प्रतिक्रियास्वरुप उनके पिता जयकिशोर यादव के द्वारा केस दर्ज कराने पर चंद्रमा यादव को न सिर्फ सेल में बंद कर पिटाई की बल्कि सेल से मोबाइल बरामदगी दिखा दी, जो गंभीर जांच का विषय है। इसके साथ जेल में बंदियों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन तथा अत्यंत ही घटिया भोजन पर अविलंब संज्ञान लेते हुए पेयजल, शौचालय तथा चिकित्सा सुविधाओं जैसे न्यूनतम नागरिक सुविधाओं पर भी जांच की जानी चाहिए । संजय केशरी ने कहा कि अगर मंडल कारा उपाधीक्षक के कार्यकलापों की जांच सात दिनों के अंदर नहीं की जाती है तो जनाधिकार मोर्चा धरना प्रदर्शन करेगी ।