बड़ी घटना की थी तैयारी, एसटीएफ व कोबरा ने फेर दिया पानी
हैदर अली मुंगेर एसटीएफ सीआरपीएफ की कोबरा और विशेष की टीम ने एक बड़ी नक्सली वार
हैदर अली, मुंगेर : एसटीएफ, सीआरपीएफ की कोबरा और विशेष की टीम ने एक बड़ी नक्सली वारदात को होने से पहले ही टाल दिया। टीम ने नक्सल प्रभावित लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र स्थित पैसरा के सुगी जंगलों में नक्सलियों के मनसूबों पर पानी फेर दिया। टीम ने पूरे खेल का पर्दाफाश कर दिया। इस विशेष आपरेशन में नक्सलियों की गिरफ्तारी तो नहीं हुई, पर बड़ी संख्या में कारतूस, 22 एइइडी, मोबाइल चार्जर, साहित्य पर्चा और कई आपत्तिजनक सामान मिले हैं। जंगली व पहाड़ी क्षेत्र में सीआरपीएफ, एसटीएफ और विशेष टीम की लगातार कांबिग आपरेशन चल रही है। इस आपरेशन से नक्सलियों की स्थिति कमजोर हुई है। ऐसे में नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देकर फिर से संगठन को मजबूत करने की योजना बना रहे हैं, पर नक्सली योजना कामयाब नहीं हो रहा है।
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22 आइइडी से बड़ा धमाके की थी तैयारी
विशेष कांबिग आपरेशन में टीम ने 22 आइइडी बरामद किया। सभी को सुरक्षित रूप से टीम ने ब्लास्ट किया। जानकारों की मानें तो नक्सलियों ने इस बार फूल प्रूफ व्यवस्था कर रखी थी। नक्सली जंगलों में सर्च आपेरशन करने वाली टीम को निशाना बनाया था। जगह-जगह आइइडी लगाए थे, पर टीम ने पूरे मनसूबों पर पानी फेर दिया। टीम को पैसरा के पास सुगी पहाड़ी में नक्सलियों को जोनल कमांडर प्रवेश और नारायण कोड़ा सहित कई नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी। सभी बड़े घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। पुख्ता सूचना के बाद बड़ी कार्रवाई की गई।
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मई में चला था आपरेशन सैडो
मई माह में धरहरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित पैसरा जंगल, बरी और मंझलीटांड में सी लेवल आपरेशन चलाया गया। आपरेशन का नाम सैडो दिया गया था। पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों के बनाए गए ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया गया था। सर्च अभियान चलाकर पिस्टल, कारतूस, विस्फोटक, वाकी-टाकी, नक्सली साहित्य, मेडिसिन सहित कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ था। टीम को नक्सलियों के छिपे रहने की सूचना मिली थी। नक्सली किसी घटना को अंजाम देने के लिए पहाड़ी इलाके स्थित अपने ठिकाने पर जमा हुए थे। टीम ने तुरंत एक्शन लेते हुए नक्सलियों के मनसूबों पर पानी फेर दिया। रात में चले इस आपरेशन में जंगलों के रास्ते नक्सली भाग निकले। पुलिस का कहना है कि जंगलों में नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिलती है। पुलिस का साफ कहना है कि नक्सली मुख्य धारा से नहीं जुड़ते हैं या फिर सरेंडर नहीं करेंगे तो सीधा सफाया किया जाएगा। पैसरा गांव में सीआरपीएफ कोबरा के 207 बटालियनों के आने से नक्सल गतिविधियों पर काफी हद तक लगाम लगा है।
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