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अब नगर निकाय क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्यपालक पदाधिकारी को मिला विशेष अधिकार

मुंगेर । नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर निकाय क्षेत्र में लगातार मिल रहे अतिक्रमण की शिका

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 08:05 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 08:05 PM (IST)
अब नगर निकाय क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्यपालक पदाधिकारी को मिला विशेष अधिकार
अब नगर निकाय क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्यपालक पदाधिकारी को मिला विशेष अधिकार

मुंगेर । नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर निकाय क्षेत्र में लगातार मिल रहे अतिक्रमण की शिकायत पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए नगरपालिका अधिनियम में संशोधन करते हुए नगर निकाय क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए नगर आयुक्त , कार्यपालक पदाधिकारी को विशेषाधिकार देते हुए तत्काल कार्रवाई करने का अधिकार दे दिया है । बिहार नगर पालिका संशोधन अधिनियम 2021 के प्रावधान के आलोक में नगर निकाय के नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी को क्षेत्र का संपूर्ण भू अभिलेख उपलब्ध कराने का निर्देश भी जारी कर दिया है। जानकारी में बताया गया है कि गुरुवार को सरकार के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसमें कहा गया है कि विधि विभाग की अधिसूचना द्वारा अधिसूचित बिहार नगर पालिका संशोधन अधिनियम 2021 के प्रावधान के अनुसार नगर निकाय क्षेत्र में अतिक्रमण एवं अवरोध हटाने तथा अतिक्रमणकारियों पर जुर्माना का दंड अधिरोपित करने के लिए नगर आयुक्त और कार्यपालक पदाधिकारी को शक्तियां प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति नगरपालिका पदाधिकारी या ऐसे अन्य पदाधिकारी जिसे राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किया गया है कि लिखित अनुमति के बिना नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत सार्वजनिक मार्ग, पगडंडी, ड्रेनेज, सीवरेज एवं पार्क पर स्थाई या अस्थाई संरचना द्वारा अतिक्रमण एवं अवरोध नहीं करेगा। कोई व्यक्ति नगरपालिका की किसी संपत्ति का ऐसा स्थाई या अस्थाई अतिक्रमण या अवरोध करेगा तो दोष सिद्ध होने पर स्थाई अतिक्रमण के मामले में 20 हजार रुपये तक तथा अस्थाई अतिक्रमण के मामले में पांच हजार रुपये तक जुर्माना देना होगा। इसके अंतर्गत नगर पालिका पदाधिकारी या प्राधिकृत पदाधिकारी ऐसे स्थाई अतिक्रमण एवं अवरोध को हटाने के लिए 15 दिन पूर्व नोटिस निर्गत करेगा। 15 दिनों के अंदर ऐसे स्थाई अतिक्रमण या अवरोध के संबंध में नगर पालिका पदाधिकारी या प्राधिकृत पदाधिकारी को कारण सहित संतुष्ट करने में विफल रहने पर नगर पालिका पदाधिकारी या प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा संबंधित व्यक्ति को जुर्माना से दंडित किया जा सकेगा। अस्थाई प्रकार के अतिक्रमण या अवरोध को 24 घंटे की नोटिस देकर हटाया जा सकेगा। इधर इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी सूर्यानंद ने बताया कि विभाग का पत्र प्राप्त हुआ है। अभी कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। कोरोना संकट से निपटने के बाद शहर को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

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