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सितंबर से सुपर एक्सप्रेस का बदल जाएगा लुक

जागरण संवाददाता मुंगेर जमालपुर से हावड़ा के लिए चल रही सुपर एक्सप्रेस का सफर आने वाले

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jul 2022 08:56 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jul 2022 08:56 PM (IST)
सितंबर से सुपर एक्सप्रेस का बदल जाएगा लुक
सितंबर से सुपर एक्सप्रेस का बदल जाएगा लुक

जागरण संवाददाता, मुंगेर : जमालपुर से हावड़ा के लिए चल रही सुपर एक्सप्रेस का सफर आने वाले दिनों में सुपर होगा। सुपर एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों को अब झटका महसूस नहीं होगा, क्योंकि इसमें उच्च सुरक्षा मानक वाले एलएचबी (लिक हाफमेन बुश) कोच लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि सितंबर से ट्रेन संख्या 13071/72 डाउन जमालपुर -हावड़ा एक्सप्रेस एलएचबी कोच के साथ चलेगी। दरअसल, ट्रेन में अभी इस ट्रेन आइसीएफ कोच लगी हुई है। एलएचबी कोच से अभी जमालपुर- भागलपुर -किऊल-साहिबगंज रूट पर अंग एक्सप्रेस और विक्रमशिला सुपर फास्ट सहित एक दर्जन ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। उच्च स्तरीय तकनीक से लैस इस कोच में बेहतर शाक एक्जावर का उपयोग होता है। सफर के दौरान आवाज कम होता है। यात्रियों को झटकों का अहसास नहीं होता है। वजन में हल्के कोच डिस्क ब्रेक के कारण कम समय व कम दूरी में बेहतर काम करते है। सीबीसी कपलिग के कारण ये कोच दुर्घटना में भी नहीं टूटते और डिब्बे एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते। कोच में कंट्रोल्ड डिस्चार्ज टायलेट सिस्टम है। इसमे जनरल और स्लीपर क्लास की बोगियां भी बढ़ जाएगी।

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एलएचबी की खासियत -एलएचबी कोच पुराने कन्वेशनल कोच से काफी अलग है। यह उच्च स्तरीय तकनीक से लैस है। इन कोचों में बेहतर एक्जावर का उपयोग किया गया है। जिससे आवाज कम होती है। यानी कि पटरियों पर दौड़ते वक्त अंदर बैठे यात्रियों को ट्रेन के चलने की आवाज बहुत धीमी आती है। -इसका कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं। जबकि इंटीरियर डिजाइन एल्यूमीनियम से की जाती है। जिससे कि यह कोच पहले की तुलना में थोड़े हल्के होते हैं। -इन कोचों में डिस्क ब्रेक कम समय व कम दूरी में अच्छे ढंग से ब्रेक लगा देते है। कोचों में लगे शाक एक्जावर की वजह से झटकों का अनुभव कम होगा। -सीबीसी कपलिग से डिब्बे एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते :

एलएचबी डिब्बों में सीबीसी कपलिग लगाई जाती है। -सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर ट्रेन डिरेल भी होती है तो कपलिग के टूटने की आशंका नहीं होती है, जबकि स्क्रू कपलिग वाले कोचों के डिरेल होने से उसके टूटने का डर बना रहता है।


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