प्रशासन की कृपा, हर दिन बदलती है योगनगरी की सड़कों की सूरत
जागरण संवाददाता मुंगेर योगनगरी (मुंगेर) की सड़कों का सीन हर दिन बदल जाता है। रात में
जागरण संवाददाता, मुंगेर : योगनगरी (मुंगेर) की सड़कों का सीन हर दिन बदल जाता है। रात में जो सड़कें 20 फीट चौड़ी दिखती है, वह दिन में 10 फीट हो जाती है। हम बात कर रहे हैं महात्मा गांधी चौक से पूरबसराय, दीनदयाल चौक, एक नंबर ट्रैफिक और नीलम चौक, बेकापुर जाने वाली सड़क की। इन इलाकों में फुटपाथ तो दूर सड़क तक अतिक्रमण की चपेट में है। सड़क ही नहीं गली में भी अवैध रूप से दुकानकारों ने कब्जा कर रखा है। सड़कों पर वाहनों की पार्किग बना जाती है। छोटे से लेकर बड़े दुकानदार सड़क पर सामान रख रहे हैं। इस पर भी मन नहीं भरा तो फुटकरों को बैठने के लिए जगह देते हैं और उनसे भाड़ा भी वसूलते हैं। रात 10 से सुबह नौ बजे तक इन सड़कों को देखने के बाद लगाता है जैसे महानगर की तरह चौड़ी सड़क है, लेकिन सुबह नौ बजे से रात दस बजे इस सड़क की तस्वीर भी बदल जाती है। सुबह बाजार खुलते ही धीरे-धीरे सड़कें सिमटने लगती है। कई बार तो स्थिति यह रहती है कि चार पहिया वाहनों को हार्न बजाकर फुटपाथी विक्रेताओं के ठेले का हटाना पड़ता है। यह हाल सिर्फ मुख्य बाजार का ही नहीं बल्कि मुख्य बाजार से जुड़ी दूसरी सड़कों की भी है। सड़क की फुटपाथ पर स्थाई दुकानदारों ने अपना कब्जा बना रखा है। इनके दुकान का विस्तार फुटपाथ तक रहता है पर है। मुख्य बाजार सहित गुलजार पोखर, बेकापुर,शादीपुर, कौड़ा मैदान, नीमतल्ला आदि जगहों पर इनके अतिक्रमण से फुटपाथ दिखता तक नहीं है।
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भूकंप के बाद बनाया गया था माडल सिटी
1934 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद सर्वाधिक प्रभावित हुए मुंगेर शहर को अंग्रेजी हुकूमत ने माडल शहर का स्वरूप दिया था। इस शहर को चंडीगढ़ शहर की तरह बनाया गया। यहां की सड़कें 20 फीट चौड़ी और पांच फीट का फुटपाथ बनाया गया। मुख्य सड़कों से सभी शाखा सड़कों को जोड़ा गया, पर आज इन सड़कों की स्थिति बदल गई है।
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सख्ती नहीं होने से सिकुड़ रही सड़कें
शहर में अतिक्रमण का जाल फैला है। मुख्य सड़क से लेकर गली मुहल्लों तक अतिक्रणकारियों का कब्जा है। आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। लोगों को आवागमन में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। प्रशासन की ओर से अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों का मनोबल दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। सुबह होते ही सड़क के दोनों ओर सब्जी विक्रेता और ठेला लगाकर फुटपाथी दुकानदार अपना कब्जा जमा लगा लेते हैं। दुकानदार सड़क पर होर्डिंग-पोस्टर लगाकर रास्ते को अवरुद्ध कर देते हैं। एक तरह से कहा जाए तो शहर के अधिकांश भू भाग पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। बुधवार को शहर में दिन भर जाम की स्थिति रही। मगरदही रोड से ओवरब्रिज होते हुए मोहनपुर रोड दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
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कुछ सवाल, जिस पर नहीं जा रहा ध्यान
शहर में जाम की समस्या से निजात दिलाने सिर्फ प्लान बनता है, पर इस पर अमल नहीं दिखता। शहर के कई जगहों पर पुलिस बल की कमी सामने आने पर उसे वहां उसकी तैनाती कर दूर करने का प्रयास भी किया गया, फिर भी शहरवासियों को जाम से निजात नहीं मिल पा रही है। आखिर किस स्तर पर चूक है, उस पर प्रशासन की नजर क्यों नहीं जा रही है? प्रशासन और नगर निगम कार्रवाई करने से क्यों हिचक रही है? खूबसूरत दिखने वाले इस शहर को कब अतिक्रमण से निजात मिलेगी? इस स्थिति से हर दिन प्रशासन के नुमाइंदे भी रूबरू होते हैं, इसके बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं ?
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सड़क पर अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही है। जिलाधिकारी के साथ विशेष बैठकर कर शहर की सड़कों से अतिक्रमण हटाने पर प्लानिग की जाएगी। जल्द ही विशेष अभियान चलाकर सड़कों को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया जाएगा।
-खुशबू गुप्ता, एसडीओ, सदर।