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जय मां काली नाटक में कलाकारों ने अंधविश्वास पर की चोट

मुंगेर। असरगंज मुख्य बाजार सरस्वती अभिनय क्लब के द्वारा रविवार की रात समाज में फैले अंधविश्वास प

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 07:55 PM (IST)
जय मां काली नाटक में कलाकारों ने अंधविश्वास पर की चोट
जय मां काली नाटक में कलाकारों ने अंधविश्वास पर की चोट

मुंगेर। असरगंज मुख्य बाजार सरस्वती अभिनय क्लब के द्वारा रविवार की रात समाज में फैले अंधविश्वास पर चोट करने वाली जय मां काली नाटक का मंचन किया गया। नाटक जय मां काली के माध्यम से समाज में फैले अंध विश्वास पर प्रहार किया गया। नाटक में कलाकारों ने अपने अभिनय के जरिये बताया कि कैसे लोग अधंविश्वास में पड़ कर ओझा आदि के चक्कर में सबकुछ गवां देते हैं। सूरज की भूमिका कर रहे गोपाल खरगाहा सीधा साधा और औघड़ साधु पर अंधविश्वास करने वाला व्यक्ति है। उसकी बेटी की जब मौत हो जाती है तो वह अपनी बेटी को लेकर काली मां के मंदिर ले जाता है। जहां उसे एक औधड़ से भेंट होता है। वह औघड़ उसकी बेटी को तंत्र-मंत्र की शक्ति से जिदा कर देने का अश्वासन देता है। झाड़ फूंक करने के बहाने वह औघड़ उसकी पत्नी का अस्मत लूट लेते है। उसकी पत्नी जब यह सब घटना अपने पति को बताती है, तब उसका पति औधड़ को पकड़ने जाता है। तब तक वह भाग जाता है। इस नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया, कि लोगों को किसी औधड़ के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। मौके पर सरस्वती अभिनय कल्ब अध्यक्ष पंकज कुमार दास, सचिव अजय गायक, कोषाध्यक्ष धनंजय कुमार, सांसद प्रतिनिधि अंटूश कुमार राणा, शिवपूजन दास, लाल बहादूर साह, अजय कुमार, रंजन कुमार साह, राजकुमार साह आदि मौजूद थे।

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