सरकार की सख्ती के बाद भी नहीं रुक रहे अपराध
मुंगेर। राज्य सरकार का सबसे अधिक फोकस क्राइम कंट्रोल पर है। लॉ एंड आर्डर राज्य सरकार
मुंगेर। राज्य सरकार का सबसे अधिक फोकस क्राइम कंट्रोल पर है। लॉ एंड आर्डर राज्य सरकार की यूएसपी रही है। ऐसे में सरकार ला एंड आर्डर के मोर्चे पर सख्त रूख अपनाए हुए है। सभी जिला के एसपी को क्राइम कंट्रोल को लेकर टास्क दिया गया है। इसके बावजूद आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। इसकी एक बड़ी वजह संसाधन की कमी है। मुंगेर प्रमंडल के विभिन्न जिलों में पुलिस जवान से लेकर, हवलदार, जमादार, दारोगा, इंसपेक्टर आदि के पद रिक्त हैं। राज्य सरकार लगातार पुलिस जवान से लेकर एएसआइ, एसआइ के पदों पर बहाली कर रही है। इसके बाद भी प्रमंडल के किसी जिला में पर्याप्त संसाधन नहीं है। अकेले मुंगेर जिला की बात करें, तो जिला की आबादी लगभग 14 लाख है। लेकिन मुंगेर जिला में मात्र 924 सिपाही कार्यरत हैं। सेवानिवृत डीएसपी सह अधिवक्ता दिनेश ¨सह ने कहा कि प्रत्येक एक हजार की आबादी पर कम से कम एक आरक्षी होना चाहिए। लेकिन यहां दस हजार पर भी एक सिपाही मुश्किल से होते हैं।
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खगड़िया जिला पुलिस में उपलब्ध संसाधन
पद स्वीकृत उपलब्ध
इंसपेक्टर 10 12
एसआइ 109 65
एएसआइ 83 77
हवलदार 120 68
सिपाही 710 582
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लखीसराय जिला पुलिस में उपलब्ध संसाधन
पद स्वीकृत उपलब्ध
इंसपेक्टर 12 10
एसआइ 91 59
एएसआइ 79 72
हवलदार 85 51
सिपाही 484 357
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शेखपुरा जिला पुलिस में उपलब्ध संसाधन
पद स्वीकृत उपलब्ध
इंसपेक्टर 10 08
एसआइ 82 36
एएसआइ 89 83
हवलदार 69 43
सिपाही 445 369
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बेगूसराय जिला पुलिस में उपलब्ध संसाधन
पद स्वीकृत उपलब्ध
इंसपेक्टर 25 23
एसआइ 200 132
एएसआइ 160 156
हवलदार 217 86
सिपाही 1324 724
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जमुई जिला पुलिस में उपलब्ध संसाधन
पद स्वीकृत उपलब्ध
इंसपेक्टर 14 12
एसआइ 123 89
एएसआइ 89 74
हवलदार 116 61
सिपाही 663 596
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मुंगेर जिला पुलिस में उपलब्ध संसाधन
पद स्वीकृत उपलब्ध
इंसपेक्टर 18 15
एसआइ 150 97
एएसआइ 110 107
हवलदार 218 109
सिपाही 1270 924
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बोले विशेषज्ञ
प्रत्येक एक हजार की आबादी पर कम से एक आरक्षी होना चाहिए। लेकिन आरक्षी की कम संख्या के बाद भी पुलिस अगर पुलिस मैनुअल के गोल्डन रूल फाइव (पांच) का अनुपालन करें, तो विधि व्यवस्था की स्थिति काफी बेहतर हो जाएगी। लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि पुलिस मैनुअल गोल्डन रूल फाइव का अनुपालन ही नहीं किया जाता है। गोल्डन रूल फाइव पिपुल फ्रेंडली पुलि¨सग की बात करती है। आम लोगों से बेहतर व्यवहार करने, आम लोगों से सूचना प्राप्त करने, सूचना देने वालों के बारे में पूरी गोपनीयता बरतने और सूचना देने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, आम लोगों का भरोसा जीतने आदि की बात गोल्डन रूल फाइव में है। जब आम लोग पुलिस के दोस्त बन जाएंगे, तो अपराध पर निश्चित रूप से लगाम लगेगी।
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पुलिस बल की कमी को लेकर सभी जिला के एसपी की ओर से मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। सिपाही से लेकर एसआइ तक के खाली पदों को भरने के लिए बहाली की प्रक्रिया मुख्यालय स्तर से की जा रही है। बहाली प्रक्रिया पूरी होने के बाद बल की कमी दूर हो जाएगी।
मनु महाराज, डीआइजी, मुंगेर