भीमबांध : कच्ची सड़क कम कर देती है उमंग
मुंगेर। खड़गपुर अनुमंडल मुख्यालय से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पर्यटकों का मनोरम स्
मुंगेर। खड़गपुर अनुमंडल मुख्यालय से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पर्यटकों का मनोरम स्थल भीमबांध में सीआरपीएफ कैंप बन जाने से पर्यटकों के मन से नक्सलियों का खौफ तो अब लगभग समाप्त हो गया है। अब पर्यटक यहां जाड़े के मौसम में बेखौफ हो वनभोज का लुफ्त उठाने आते हैं। यहां 15 दिसंबर 2018 से खुशियों की किलकारियां भी गूंजने लगी हैं, लेकिन गंगटा लक्ष्मीपुर मुख्य पथ के सवा लाख बाबा से भीमबांध को जाने वाली 10 किलोमीटर कच्ची सड़क पर्यटकों की खुशियां फीकी कर दे रही है। सड़क का आलम यह है कि पिकनिक मना कर घर वापस लौट रहे लोग जब खुली वाहन में इस मार्ग से यात्रा करते हैं तो सड़कों से उड़ती धूल उनके चेहरे को इस तरह बदल देती है कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल हो जाता है। इस धूल से मुक्ति दिलाने की दिशा में गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा भीमबांध को दो वर्षों के अंदर विकसित करने की घोषणा की गई थी जिसके बाद भीमबांध का तेजी से विकास हो रहा है । भीमबांध के विकास को लेकर अब उम्मीद जगी है कि गंगटा लक्ष्मीपुर मुख्य पथ के बाबा सवा लाख स्थान से भीमबांध को जोड़ने वाली 10 किलोमीटर सड़क पक्की होगी।
भटके लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की हुई थी पहल
सीआरपीएफ कैंप बन जाने के कुछ दिन बाद भीमबांध सहित आसपास के गांव के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने एवं समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से 29 जून 2013 को सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त मिनहाज आलम, डीआईजी सुधांशु कुमार, डीएम नरेंद्र कुमार ¨सह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अखिलेश कुमार सहित जिला के तमाम पदाधिकारी पहुंचे थे। पदाधिकारियों की उपस्थिति में इंदिरा आवास, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, टेकहोम राशन, अनुदानित दर पर खाद बीज एवं लोगों की स्वास्थ्य जांच कर मुक्त में दवाइयां दी गई थी तथा पदाधिकारियों ने सरकारी लाभ से वंचित लोगों को लाभ पहुंचाने के साथ साथ ¨सचाई, सड़क, शिक्षा सहित अन्य समस्याओं को दूर करने का आश्वासन भी दिया था ।
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कच्ची सड़क का नक्सलियों ने उठाया था फायदा
कच्ची सड़क का फायदा उठाकर नक्सलियों ने इसी पथ पर 5 जनवरी 2005 को बारूदी सुरंग विस्फोट कर मुंगेर के तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू सहित छह पुलिसकर्मियों की हत्या की घटना को अंजाम दिया था।
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मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री ने किया था भीमबांध का दौरा
18 जनवरी 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुंगेर आगमन के दौरान अचानक भीमबांध पहुंचकर यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देख काफी प्रभावित हुए और उन्होंने गर्म जलकुंड, कैफेटेरिया भवन, गांधी सरोवर सहित अन्य स्थलों का मुआयना किया तत्पश्चात 2 वर्ष के अंदर भीमबांध को विकसित करने की घोषणा की । वहीं 2 सितंबर 2018 को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भीमबांध पहुंचकर पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटक स्थल भीमबांध को विकसित करने के लिए 3 करोड़ 92 लाख की योजनाओं का शिलान्यास किया जिसके तत्पश्चात भीमबांध को सजाने व सवारने की दिशा में कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
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कहते हैं स्थानीय नागरिक
स्थानीय नागरिक पैरु कुमार, राजेश कुमार, अकलू ठाकुर, रामनिवास ¨सह, पूर्व मुखिया अरुण कुमार ¨सह, अमरदीप ¨सह, मुखिया प्रतिनिधि संजय कुमार, पैक्स अध्यक्ष हरिनंदन यादव, शैलेंद्र यादव सहित अन्य ने कहा कि भीमबांध को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित कर पक्की सड़क का निर्माण कर दिया जाए तो स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही साथ ही क्षेत्र से बेरोजगारी की समस्या भी दूर होगी ।
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कहते हैं अधिकारी
वन विभाग के द्वारा इस पथ में सिर्फ मिट्टी व मोरंग के अलावे पुल पुलिया का कार्य कराया जा सकता है, ¨कतु पक्की सड़क का निर्माण कराया जाना वन विभाग के बस की बात नहीं है उन्होंने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार मिलकर इस पर पहल करे तो पक्की सड़क का निर्माण संभव हो सकेगा ।
सरोज कुमार, रेंजर, हवेली खड़गपुर