जीवंत लोकतंत्र की नींव है स्वतंत्र प्रेस : ओम प्रकाश प्रियंवद
मुंगेर। प्रेस दिवस के अवसर पर शुक्रवार को पत्रकारों की बैठक स्थानीय गेट नंबर 6 स्थित प्रियं
मुंगेर। प्रेस दिवस के अवसर पर शुक्रवार को पत्रकारों की बैठक स्थानीय गेट नंबर 6 स्थित प्रियंवद निवास में वरिष्ठ पत्रकार सह पूर्व प्राचार्य डॉ. ओमप्रकाश प्रियंवद की अध्यक्षता में हुई। जिस में उपस्थित पत्रकारों ने सरकार से सुरक्षा एवं आमजनों की आपेक्षा पर चर्चा की। डॉ. प्रियंबद ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा तथा पत्रकारिता में उच्च आदर्श की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से ही 4 जुलाई 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी। इस परिषद ने 16 नवंबर 1966 से अपना कार्य प्रारंभ किया था। तब से ही 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। बैठक में मौजूद सभी पत्रकारों ने अपने अपने विचार रखे तथा सभी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन प्रेस की आजादी तथा समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारियों का प्रतीक है। यह हम पत्रकारों के लिए आत्ममंथन करने का भी दिन है। पत्रकारों को अपने दायित्व बोध के प्रति सचेत और जागृत रहने की आवश्यकता है। एक स्वतंत्र प्रेस एक जीवंत लोकतंत्र की नींव होता है। भारत में रहने वाले 125 करोड़ भारतवासियों की अपेक्षा पर खड़ा उतरना पत्रकारों के लिए बड़ी चुनौती है। यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि मीडिया जन आकंक्षाओं पर खड़ा उतरने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान में मीडिया ने भी अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा मीडिया की भी अपेक्षा है कि सरकार प्रेस और प्रेस से जुड़े पत्रकार कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति तथा सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता एवं आम जनों को मीडिया के प्रति सम्मानजनक भाव बनाए रखने की आवश्यकता है। वहीं प्रेस का दिवस पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि संविधान की धारा 19 एक ÞएÞ में प्रदत स्वतंत्रता के अधिकार के आलोक में सरकार पत्रकारों की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करें।
बैठक में मुख्य रूप से विजय कुमार गुप्ता, शैलेश कुमार झा, सज्जन गर्ग, पवन कुमार चौधरी, राज सिन्हा उर्फ सोनू उपस्थित थे।