रोजी-रोटी का सवाल है, जाना तो पड़ेगा ही
मुंगेर। लोक आस्था का महापर्व छठ समाप्त होने के बाद परदेसी बाबू अपने काम पर लौटने लगे हैं।
मुंगेर। लोक आस्था का महापर्व छठ समाप्त होने के बाद परदेसी बाबू अपने काम पर लौटने लगे हैं। इस कारण महानगरों की ओर जाने वाली अधिकांश ट्रेन हाउसफुल है। इसके बावजूद रोजी-रोटी की तलाश में जैसे तैसे परदेसी बाबू कर्मक्षेत्र की ओर लौटने लगे हैं।
शुक्रवार को ट्रेनों के विलंब परिचालन से मॉडल स्टेशन जमालपुर पर जहां यात्रियों को काफी परेशानी हुई। परिवार के साथ कमाने के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कोलकाता, रांची, उत्तर प्रदेश, रायपुर, चेन्नई जा रहे रेल यात्री आनंद, प्रमोद दास, मोहन मंडल, शोभा देवी, मीरा देवी, श्याम ¨सह, अमन कुमार, गुड़िया देवी, ¨पटू कुमार, पुष्कर ¨सह आदि ने बताया कि एक महीना पहले ही जाने का टिकट लिया था, इसके बावजूद टिकट कंफर्म नहीं हुआ। अब रोजी रोटी का सवाल है। ऐसे में जगह मिले या न मिले, जाना तो पड़ेगा ही।
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सीट को लेकर भिड़े पुलिस और यात्री
संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर) : मॉडल स्टेशन से खुलने वाली ट्रेनों में अचानक भीड़ बढ़ गई है। ट्रेनों में ना तो स्लीपर, ना ही जनरल तथा ना तो एसी में सीट खाली है। शुक्रवार को प्लेटफार्म नंबर दो पर खड़ी इंटरसिटी ट्रेन के बी-1 कोच में एक पुलिसकर्मी एवं आम यात्री के बीच नोक झोंक हुई। आम यात्रियों, आरपीएफ एवं जीआरपी पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।