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होमियोपैथ में डेंगू से बचाव के लिए है सीटक दवा : डॉ. नीतीश

मुंगेर। होमियोपैथ के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. नीतीश चंद्र दुबे ने कहा कि डेंगू से बचने के लिए ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 10:09 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 10:25 PM (IST)
होमियोपैथ में डेंगू से बचाव के लिए है सीटक दवा : डॉ. नीतीश
होमियोपैथ में डेंगू से बचाव के लिए है सीटक दवा : डॉ. नीतीश

मुंगेर। होमियोपैथ के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. नीतीश चंद्र दुबे ने कहा कि डेंगू से बचने के लिए होमियोपैथ में सटीक दवा उपलब्ध है। इसके अलावा कई घरेलू नख्शे भी हैं। जिनके जरिये डेंगू के मरीज शीघ्र स्वस्थ्य हो सकते हैं।

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1. पपीते की पत्तियों को डेंगू के बुखार के लिए सबसे असरकारी दवा कही जाती है। पपीते की पत्तियों में मौजूद पपेन नामक एंजाइम शरीर की पाचन शक्ति को ठीक करता है, साथ में शरीर में प्रोटीन को खोलने का काम करता है। इसके अलावा इस जूस से प्लेटलेट्स की मात्रा तेजी से बढ़ती है। डेंगू के उपचार के लिए पपीते की पत्तियों का ताजा जूस निकाल कर दिन में दो तीन बार रोगी को दें। पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है

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2. बकरी का दूध बहुत से लोगों को पसंद भले ना हो, लेकिन इसके फायदे बहुत हैं। डेंगू बुखार के लिए बकरी का दूध एक बहुत ही प्रभावशाली दवा है। बकरी के दूध में गिरते हुए प्लेटलेट्स को तुरंत बढ़ाने की क्षमता होती है। डेंगू के उपचार के लिए रोगी को बकरी का कच्चा दूध थोड़ा-थोड़ा करके पिलाएं, इससे प्लेटलेट्स बढ़ने के साथ-साथ जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है।

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3. गिलोय की बेल का सत्व मरीज को दिन में दो-तीन बार दें या गिलोय के सात आठ पत्तों को पीसकर उसमें चार पांच तुलसी की पत्तियां के साथ एक गिलास पानी में मिलाकर उबालकर काढ़ा बना कर इसमें पपीता का तीन चार पत्ता का रस मिलाकर दिन में तीन चार बार रोगी को पिलाने से प्लेटलेट्स की मात्रा में तेजी से इजाफा होता है। प्लेटलेट्स बढ़ने का इससे बढि़या इलाज नहीं हो सकता। यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी आयुर्वेदिक स्टोर से आप गिलोय घनवटी ले कर एक एक गोली रोगी को दिन में तीन चार बार दे सकते हैं।

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4. 10 से 12 तुलसी के पत्ते और चार पांच काली मिर्च को गर्म पानी में उबालकर छानकर डेंगू के मरीज को पिलाना मरीज के लिए अच्छा रहता है। तुलसी की चाय डेंगू रोगी को बेहद आराम पहुंचाती है। यह चाय दिन भर में तीन चार बार पिलानी चाहिए क्योंकि तुलसी की चाय प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है और एंटीबैक्टीरियल तत्व के रूप में कार्य करती है।


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