कैसे साकार होगा स्वरोजगार का सपना, जब ऋण के लिए युवा हो रहे बेजार
मुंगेर। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने कई ऋण स्कीम की शुरुआत क
मुंगेर। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने कई ऋण स्कीम की शुरुआत की है। लेकिन ऋण देने में बैंकों की उदासीनता युवाओं के स्वरोजगार के सपनों पर ग्रहण लगा रहा है। प्रधानमंत्री सृजन रोजगार योजना, मुद्रा ऋण, मिनी स्कीम ऋण आदि योजना में सैकड़ों आवेदन लंबित हैं। स्वरोजगार के लिए ऋण की चाह में युवा महीनों बैंक का चक्कर लगाते हैं, इसके बाद थक-हार कर घर बैठ जाते हैं।
युवा मु. आविद, मनोज कुमार, सरोज कुमार आदि ने कहा कि हमने दो वर्ष पूर्व पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री ग्रामीण स्वरोजगार योजना) के तहत आवेदन दिया। बैंक में खाता भी खुलवा लिया। सत्यापन भी हो गया। लेकिन अभी तक ऋण नहीं मिल सका है। एलडीएम रतन कुमार भी मानते हैं कि लक्ष्य के अनुरूप ऋण का वितरण नहीं किया जा सका है। एलडीएम ने कहा कि इस वर्ष ऋण देने का लक्ष्य 326 करोड़ निर्धारित किया गया। वहीं बैंक शाखाओं के द्वारा अब तक 86 करोड़ ऋण ही स्वीकृत किया गया है। ऋण खातों के बढ़ते एनपीए इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है।
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बैंक का नाम पीएमइजीपी प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना
इलाहाबाद बैंक 7.60 649.40
बैंक आफ बड़ौदा 00 245.00
बैंक आफ इंडिया 26.83 178.27
केनरा बैंक 10.50 284.50
सेंट्रल बैंक 9.50 149.50
पीएनबी 00 672.00
¨सडिकेट बैंक 00 53.00
स्टेट बैंक 00 248.00
यूनियन बैंक 00 28.00
यूको बैंक 3.94 838.00
यूनाइटेड बैंक 00 78.00
इंडियन बैंक 00 28.00
आंध्रा बैंक 00 108.00
विजया बैंक 00 59.00