डीजल इंजनों को भी बनाया जाएगा इलेक्ट्रिक पावर
मुंगेर। अब आने वाले दिनों डीजल इंजन भी इलेक्ट्रिक इंजन की तरह काम करेगा। 2022 तक देश के स
मुंगेर। आने वाले वर्षो में डीजल इंजन भी इलेक्ट्रिक इंजन की तरह काम करेगा। 2022 तक देश के सभी रेल सेक्शन विद्युतीकरण होने के बाद रेलवे ने डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक में बदलने का निर्णय लिया है। बदलाव के क्रम में ऊंचाई कम की जाएगी पर देखने में कमोबेश डीजल इंजन जैसा ही लगेगा।
अभी डीजल इंजन से ट्रेन दौड़ाने में रेलवे को 25 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। लेकिन विद्युतीकरण के बाद यह खर्च आधा से भी कम जाएगा। रेल लाइन विद्युतीकरण के बाद इलेक्ट्रिक रेल इंजन की डिमांड बढ़ेगी। इसके मद्देनजर अब रेलवे ने डीजल इंजन को भी इलेक्ट्रिक स्वरूप देने की कवायद तेज कर दी गई है। अनुसंधान अभिकल्प मानक संगठन (आरडीएसओ) लखनऊ काम कर रही है। हालांकि जमालपुर रेल कारखाना में यह काम अभी शुरू नहीं हुआ है। लेकिन आने वाले दिनों में यहां भी डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा।
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इलेक्ट्रिक इंजन की नहीं हो कमी इसे लेकर चल रही तैयारी
रेलवे ने इलेक्ट्रिक इंजनों की कमी न हो इसे देखते हुए अपने वर्तमान डीजल इंजनों को ही इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना बनाई है। तीन हजार हार्स पावर की क्षमता वाले डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में परिवर्तित किया जा रहा है। उसका प्रोटो टाइप पूरी तरह तैयार हो गया है। जल्द ही पटरियों पर इस परिवर्तित इंजन का ट्रायल शुरू हो जाएगा। ट्रायल की रिपोर्ट के आधार पर उसमें संशोधन किए जाएंगे।
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जमालपुर रेल कारखाना के डीजल शेड में इंजन निर्माण के साथ मरम्मत होता है। कारखाना में दो डीजल इंजन का निर्माण हर साल 83 डीजल इंजन की मरम्मत भी की जाती है। इसलिए रेलवे बोर्ड से जो भी नया कार्य मिलेगा उसे यहां सफलता के साथ पूरा किया जाएगा ।
राजीव कुमार, एडब्ल्यूओ रेल कारखाना, जमालपुर