कैसे दूर होगी बेरोजगारी, जब ऋण देने में बैंक दिखा रहे लाचारी
संवाद सूत्र मुंगेर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन जैसी महत्व
संवाद सूत्र, मुंगेर : युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन जैसी महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। लेकिन, बैंकों की उदासीनता के कारण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की मुहिम रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। बैंक युवाओं को ऋण देने में रूचि नहीं दिखा रही है। इस कारण स्वरोजगार का सपना साकार नहीं हो रहा है। ऋण के लिए बैंकों का चक्कर लगाते लगाते युवा थक कर प्रयास करना छोड़ देते हैं।
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219 के बदले मात्र 32 को मिला ऋण :
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 110 बेरोजगार युवाओं को लगभग तीन करोड़ रूपये ऋण मुहैया कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिला उद्योग केंद्र ने 219 चयनित युवाओं का आवेदन ऋण के लिए विभिन्न बैंक शाखाओं को भेज दिया। जिसमें से मात्र 32 आवेदकों के आवेदन पर कार्रवाई करते हुए बैंकों ने ऋण दिए। वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज एक माह का समय बचा है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि लक्ष्य कैसे पूरा होगा।
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एससी एसटी योजना में 200 के बदले 22 को मिला ऋण :
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्योग योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 22 लोगों के बीच लगभग दो करोड़ ऋण स्वीकृत किया जा चुका है। इस योजना में चार किश्त में लाभुकों को ऋण की राशि भेजी जाती है। दूसरे किश्त की राशि लाभुकों के खाते में भेजी जा चुकी है। लेकिन, 200 आवेदन में मात्र 22 लाभुक को ही योजना का लाभ मिल पाया है।
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कितना मिल सकता है ऋण
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बेरोजगार युवाओं को ऋण के लिए प्रोजेक्ट बनाकर उद्योग केंद्र में जमा करना होता है। इसके बाद बेरोजगार युवाओ को खुद का रोजगार शुरू करने के लिए एक लाख से 50 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराई जाती है। एक से दस लाख तक के लिए युवाओं को किसी गारंटी की आवश्यकता नहीं होती है। दस लाख से अधिक का ऋण लेने पर आवेदक को बैंकों को गारंटी देना पड़ता है।
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कोट :::
बेरोजगार युवाओं को ऋण उपलब्ध कराने में बैंकों द्वारा उदारता नहीं बरती जा रही है। जिला स्तरीय बैठक में सभी बैंकर्स को लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए जाते हैं।
एस मुजफ्फर रजी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद,्र मुंगेर