वर्षों बाद बीआरएम कॉलेज को मिले संस्कृत व जूलॉजी के शिक्षक
संवाद सूत्र मुंगेर शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहे बीआरएम कॉलेज की छात्राओं के लि
संवाद सूत्र, मुंगेर : शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहे बीआरएम कॉलेज की छात्राओं के लिए खुशखबरी है। वर्षों बाद संस्कृत एवं जूलॉजी विषय में बीपीएससी से चयनित दो शिक्षकों ने शनिवार को बीआरएम कॉलेज में योगदान दिया। जूलॉजी में शोभा राज तथा संस्कृत में रामरेखा कुमार ने योगदान दिया। इन दोनों विषयों में 2006 से ही शिक्षक नहीं थे। जिससे छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब इन दोनों विषयों में शिक्षक आ जाने से कॉलेज की छात्राओं को पढ़ाई के लिए निजी कोचिग संस्थानों के भरोसे नहीं रहना होगा। विदित हो कि मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा शुक्रवार को बीपीएससी से चयनित 9 शिक्षकों का विभिन्न कॉलेजों में पदस्थापन किया गया था। कॉलेज के प्रभारी प्रचार्य डॉ. प्रकाश कुमार ने बताया कि बीपीएससी से चयनित संस्कृत में रामरेखा कुमार एवं जूलॉजी में शोभा राज ने शनिवार को योगदान दिया है। संस्कृत में 2006 में डॉ. आशा प्रसाद के सेवानिवृत होने के बाद एक भी शिक्षक नहीं थे। वही जूलॉजी में डॉ नीलम वर्मा के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद एक भी शिक्षक नहीं था। जिससे छात्राओं को पढ़ाई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। शिक्षक की कमी दूर करने के लिए विश्व विद्यालय से मांग की गई थी। अभी भी कई विषयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं।