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टीएमबीयू से अभी तक नहीं मिले हैं शिक्षकेत्तर कर्मचारी

संवाद सूत्र मुंगेर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर व मुंगेर विश्वविद्यालय बीच शिक्षकेल

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 05:55 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 05:55 PM (IST)
टीएमबीयू से अभी तक नहीं मिले हैं शिक्षकेत्तर कर्मचारी
टीएमबीयू से अभी तक नहीं मिले हैं शिक्षकेत्तर कर्मचारी

संवाद सूत्र, मुंगेर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर व मुंगेर विश्वविद्यालय बीच शिक्षकेत्तर कर्मचारी देने के मामले में दोनों विश्वविद्यालय के बीच विवाद गहराने लगा है। टीएमबीयू एमयू को शेष बचे कर्मचारी देने को तैयार नहीं है। वहीं एमयू इसे लेकर अविलंब दोबारा राजभवन जाने की तैयारी कर रहा है।

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इस मामले को शुक्रवार को एमयू की सिडिकेट की बैठक में अनुमोदन भी करा लिया गया है। इस मामले को लेकर एमयू द्वारा राजभवन को पत्र भेजा जाएगा। जिसमें एमयू द्वारा मामले में संज्ञान लेने का राजभवन से अनुरोध करेगा। बता दें कि 18 मार्च 2018 को मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद राजभवन द्वारा तिलकामांझी विश्वविद्यालय को 20 शिक्षकेत्तर कर्मचारी मुंगेर विश्वविद्यालय को देने का निर्देश दिया गया था। इसे लेकर दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के बीच समझौता भी हुआ थ। लेकिन एमयू की स्थापना के डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी टीएमबीयू ने मात्र एक शिक्षकेत्तर कर्मचारी रमेश प्रसाद को ही दिया है। शेष बचे 19 तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को दिया जाना था। जिसे लेकर दो माह पूर्व राजभवन में हुए विश्वविद्यालयों की बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव द्वारा टीएमबीयू को जल्द से जल्द 19 शिक्षकेत्तर कर्मचारी मुंगेर विश्वविद्यालय को देने का निर्देश दिया गया था। जिसके बाद अब टीएमबीयू द्वारा एमयू को बिना किसी कारण के शेष बचे 19 शिक्षकेत्तर कर्मियों को देने से मना कर दिया है। जिसे लेकर दोनों विश्वविद्यालयों के बीच लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है।

कहते हैं कुलसचिव

एमयू के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि मुंगेर विश्वविद्यालय के स्थापना के बाद टीएमबीयू एवं एमयू के कुलपतियों के बीच समझौता हुआ कि एमयू को 20 शिक्षकेत्तर कर्मचारी दिया जाएगा। लेकिन मात्र एक शिक्षकेत्तर कर्मचारी ही दिया। शेष 19 शिक्षकेत्तर कर्मियों को देने से मना कर दिया गया है। जिसे लेकर एमयू द्वारा शीघ्र राजभवन को सूचना दी जाएगी। साथ ही इस मामले को लेकर कल हुई सिडिकेट की बैठक में इसका अनुमोदन करवा लिया गया है। शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की कमी से कार्य संपादन करने में परेशानी होती है।


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