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जेएफएफ में मुंगेर के दो लाल ले किया कमाल, बेस्ट फीचर फिल्म का पाया खिताब

-जागरण फिल्म फेस्टबल में चिटू का बर्थ डे फीचर फिल्म में सत्यांशु व देवांशु को मिला बेस्ट सह

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 05:29 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:13 AM (IST)
जेएफएफ में मुंगेर के दो लाल ले किया कमाल, बेस्ट फीचर फिल्म का पाया खिताब
जेएफएफ में मुंगेर के दो लाल ले किया कमाल, बेस्ट फीचर फिल्म का पाया खिताब

-जागरण फिल्म फेस्टबल में चिटू का बर्थ डे फीचर फिल्म में सत्यांशु व देवांशु को मिला बेस्ट सह निर्देशक का पुरस्कार

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- 2013 में भी दोनों भाई कश्मीरी लघु फिल्म तमाश के लिए पा चुके हैं नेशनल अवार्ड जागरण संवाददाता, मुंगेर : मुंगेर नगर क्षेत्र के बिदबारा निवासी त्रिलोक प्रसाद सिंह व स्निग्धा सिंह के पुत्र सत्यांशु व देवांशु ने बीते दिनों जागरण फिल्म फेस्टबल(जेएफएफ) में अपना कमाल दिखाया। दिल्ली व मुंबई में लगभग एक माह तक चले फिल्म फेस्टीबल के अंतिम दिन 28 सितबर को इन दोनों भाइयों को चिटू का बर्थ डे फीचर फिल्म के लिए सहायक निर्देशन के बेस्ट अवार्ड से नवाजा गया। जिले के इन दोनों लाल की इस उपलब्धि पर न सिर्फ उनके परिवार व परिजनों ने बल्कि बिदवारा गांव के लोगों ने भी गौरव महसूस करते हुए इन दोनों भाईयों को शुभकामनाएं दी। बता दें कि व्यवसायी त्रिलोक सिंह के इन दोनों पुत्र को बीते वर्ष 2013 में लघु कश्मीरी फिल्म तमाश (कठपुतली) के लिए नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। पटकथा लेखन में माहिर बड़े भाई सत्यांशु ने जब आ‌र्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद फिल्म क्षेत्र में कैरियर बनाने की बात परिवार से कही तब साधारण पृष्ठभूमि वाले परिवार उन्हें इस क्षेत्र में भेजने को राजी नहीं थे। लेकिन बेटे की जिद के कारण 15 लाख रुपये की पेनाल्टी भरकर परिवार वालों ने यह रिस्क लिया। तब छोटे भाई देवांशु के साथ मिलकर ये दोनों भाइयों ने फिल्म निर्माण क्षेत्र में कदम रखा। परिवार वालों को तब जाकर अपने इन दोनों पुत्रों की प्रतिभा पर विश्वास हुआ जब इन दोनों ने 2013 में नेशनल अवार्ड पाया। सत्यांशु जहां ज्वलंत मुद्दों पर पटकथा लेखन को आकार देते हैं वहीं देवाशुं फिल्म की तकनीक, निर्देशन आदि बिदुओं को मजबूती से रखने में माहिर हैं। हालांकि दोनों भाइयों की मानें तो किसी भी फिल्म निर्माण में दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। सत्यांशु व देवांशु कहते हैं कि फिल्म निर्माण उनका जेनेटिक्स गुण हैं। नाना उदय प्रसाद सिंह थियेटर से जुड़े थे। मां ने बल दिया तब जाकर उपलब्धियों की ओर बढ़ रहा हूं। सत्यांशु व देवांशु के वर्तमान आवास शास्त्रीनगर व ननिहाल मुंगरौरा जमालपुर के लोगों ने भी इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी है।


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