रेलवे के निजीकरण के विरोध में एससीएसटी एसोसिएशन ने किया प्रदर्शन
- पूंजीपतियों के यहां रेल एवं रेलकर्मी को गिरवी रखने की साजिश कर रही सरकार चांदस
- पूंजीपतियों के यहां रेल एवं रेलकर्मी को गिरवी रखने की साजिश कर रही सरकार : चांदसी
----------------------
संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर) : रेल के निजीकरण के विरोध में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति रेलवे एसोसिएशन के यूनियन नेताओं और रेलकर्मियों ने कारखाना के प्रशासनिक भवन के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। बाद में एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने कारखाना प्रशासन को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एसोसिएशन के अध्यक्ष तुर्रा मुरमुर एवं शाखा सचिव चांदसी पासवान ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सचिव चांसी पासवान ने रेल निजीकरण के विरोध में केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश से भारतीय रेल के अस्तित्व को मिटाने की जो कोशिश केंद्र सरकार कर रही है, उसे कभी सफल होने नहीं देंगे। केंद्र सरकार की नीति का आज पूरे देश में विरोध हो रहा है। इसलिए जब तक केंद्र सरकार रेल निजीकरण के निर्णय को वापस नहीं लेती है, तब तक इसी तरह का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। ऑल इंडिया एससी एसटी रेलवे इंप्लाइज एसोसिएशन शुरू से ही रेलवे के निजीकरण के खिलाफ रही है। क्योंकि निजी क्षेत्र में एससीएसटी वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है। हम अपनी मांगों को एकजुटता से ही हासिल कर सकते हैं। प्रदर्शन के बाद मुख्य कारखाना प्रबंधक को एसोसिएशन के नेता ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में शिव लाल रजक, प्रमोद दास, स्टीफन सोरेन, जयप्रकाश पासवान, शिव शंकर दास, नरेश पासवान, विजय मुरमुर, संतोष भारती, एसडी मीना, रामविलास रजक, बिदेश्वरी पासवान, ज्वाला प्रसाद, मुनेश्वर टूडू, जी राजू, संजय बांसके, संजय कुमार, सिकंदर सोरेन, सोलोमन सोरेन, विधान पासवान के अलावा मेंस यूनियन के शाखा अध्यक्ष विश्वजीत कुमार,सचिव विरेंद्र कुमार यादव, फोन करना संयुक्त सचिव ओम प्रकाश साह, बहाउद्दीन, मनोज कुमार, राम नगीना पासवान, सिसिलिया टूडू सहित सैकड़ों रेलकर्मी मौजूद थे।
-------------------------
वेलफेयर इंस्पेक्टर की कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल निजीकरण के सवाल पर प्रदर्शन के दौरान एससीएसटी एसोसिएशन के शाखा सचिव चांदसी पासवान ने कारखाना के वेलफेयर इंस्पेक्टर प्रह्लाद राउत की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि रेल कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।