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रेल को बचाने के लिए मेंस यूनियन देगी हर कुर्बानी

- केंद्रीय परिषद सदस्यों की दो दिवसीय बैठक जमालपुर में शुरू - 40 शाखाओं से 200 केंद्रीय नेत

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 06:35 AM (IST)
रेल को बचाने के लिए मेंस यूनियन देगी हर कुर्बानी
रेल को बचाने के लिए मेंस यूनियन देगी हर कुर्बानी

- केंद्रीय परिषद सदस्यों की दो दिवसीय बैठक जमालपुर में शुरू

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- 40 शाखाओं से 200 केंद्रीय नेताओं ने लिया भाग

संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर) : ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन कोलकाता के केंद्रीय परिषद सदस्यों की दो दिवसीय बैठक तीसरी बार जमालपुर के केंद्रीय संस्थान परिसर में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष चपला बनर्जी ने की। कार्यक्रम में ईस्टर्न रेलवे के 40 शाखाओं से दो सौ से अधिक नेताओं ने शिरकत की। मौके पर रेल और रेल कर्मियों के समक्ष भविष्य में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई। इससे पहले शहीद वेदी पर पुष्पांजलि एवं यूनियन का झंडा फहराया गया। ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन कोलकाता के महामंत्री कामरेड शुभेंदु बंदोपाध्याय ने कहा कि संगठन की मजबूती के लिए 40 शाखाओं का द्विवार्षिक अधिवेशन एवं चुनाव जल्द कराना है। केंद्रीय संगठन का चुनाव एवं द्विवार्षिक अधिवेशन अगस्त के प्रथम सप्ताह में होना निश्चित हुआ है। सभी बाधाओं के बावजूद रेल को बचाने के लिए मेंस यूनियन हर कुर्बानी देने के लिए तैयार है। इसलिए इसकी तैयारी जोनल स्तर पर करना है। महामंत्री ने कहा कि अगर डॉक्टर विवेक देवराय कमिटी की सिफारिश को लागू किया गया, तो भारतीय रेल का पूरी तरह से निजीकरण हो जाएगा। रेल मंत्रालय द्वारा 100 दिन का एक्शन प्रोग्राम तैयार किया गया है। डॉ. विवेक देवराय कमिटी की अनुशंसा के आलोक में स्टेशन, ट्रेन, उत्पादन इकाई को निजी क्षेत्रों में देने की अनुशंसा की गई है। यह रेल हित में नहीं है। इसका विरोध यूनियन जोरदार तरीके से करेगा। अध्यक्षता करते हुए चपला बनर्जी, कार्यकारी अध्यक्ष अमित घोष के साथ केंद्रीय उपाध्यक्ष सत्यजीत कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि भारत सरकार 44 श्रम कानून के बदले चार कानून रखने का सिद्धांत अपना रही है। रेल मंत्रालय प्रीमियम ट्रेन, सवारी गाड़ी का परिचालन निजी देगी और प्रोडक्शन यूनिट तथा स्टेशन को आधुनिकीकरण के नाम पर बेचने का काम सरकार करने वाली है। इसके साथ भारतीय रेल के पुनर्गठन करने का भी निर्णय लिया गया है, जो देश हित में नहीं होगा। स्थानीय शाखा सचिव वीरेंद्र यादव ने केंद्रीय एवं स्थानीय मांगों से केंद्रीय नेताओं को अवगत करवाते हुए सरकार एवं प्रशासन की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया। मौके पर सत्यजीत कुमार, राम नगीना पासवान, प्रवीण भट्टाचार्य, अमित कुमार घोष, अरुण भट्टाचार्य, एके बर्मन, विश्वजीत, बहाउद्दीन, सखीचंद, प्रकाश शाह, दीपक, ओमप्रकाश साह के अलावे सैकड़ों केंद्रीय नेता मौजूद थे।


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