लोकसभा चुनाव में धरहरा में छाया रहेगा स्टेडियम निर्माण का मुद्दा
जॉनर मुद्दा - 1980 से ही स्टेडियम निर्माण का मिल रहा है आश्वासन लाल मोहन महाराज संव
जॉनर ::: मुद्दा - 1980 से ही स्टेडियम निर्माण का मिल रहा है आश्वासन
लाल मोहन महाराज, संवाद सूत्र, धरहरा (मुंगेर) : फुटबॉल का मक्का कहा जाने वाला धरहरा गांधी मैदान आजादी के बाद से ही एक अदद स्टेडियम निर्माण की बाट जोह रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल से पहचान बना चुके धरहरा व आसपास के कई गांवों के खिलाड़ियों के खेलने के लिए एक मात्र यह मैदान है। प्रखंड के धरहरा मैदान में स्ट्राइकर की जगह से खेलने वाले मनिमोहन सिंह, सुभाष सिंह, कार्तिक सिंह, कुमार सच्चितानंद, अनिल सिंह, स्व सिकंदर मंडल, रमेश सिंह, विद्यानंद सिंह, औड़ाबगीचा के उपेंद्र नारायण सिंह सहित अन्य खिलाड़ियों ने अपने खेल के प्रदर्शन के बूते सरकारी नौकरियां पाई। धरहरा के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदर्शन से जिला और राज्य का मान बढ़ाया। लोग आज भी ऐसे खिलाड़ियों का नाम सम्मान से लेते हैं। स्टेडियम निर्माण के लिए स्थानीय खिलाड़ी वर्षों से मांग उठाते रहे हैं। कई बार डीएम सहित वरीय अधिकारियों ने मैदान का निरीक्षण भी किया, लेकिन आज तक स्टेडियम निर्माण नहीं हो पाया। स्टेडियम नहीं रहने के कारण खिलाड़ियों व दर्शकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आगामी 29 अप्रैल को चुनाव है। इस चुनाव में यह मुद्दा मतदाताओं में छाया रहेगा। 1934 में धरहरा क्षेत्र में स्थापित शंकर स्पोर्टिंग क्लब के पूर्व अध्यक्ष विद्यानंद सिंह ने कहा कि इस मैदान पर सूबे के खेल मंत्री 1985 में धरहरा आए थे। इसके बाद से अब तक कई नेताओं ने स्टेडियम निर्माण का आश्वासन दिया। लेकिन, आश्वासन धरातल पर नहीं उतर सका है।