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आम का नहीं मिल रहा सही दाम, किसानों ने फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना की उठाई मांग

- 60 हेक्टेयर में होता है आम का उत्पादन - फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना से किसानों को

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 09:18 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 09:18 AM (IST)
आम का नहीं मिल रहा सही दाम, किसानों ने फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना की उठाई मांग
आम का नहीं मिल रहा सही दाम, किसानों ने फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना की उठाई मांग

- 60 हेक्टेयर में होता है आम का उत्पादन

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- फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना से किसानों को मिलेगा लाभ

संवाद सूत्र, मुंगेर : योगनगरी मुंगेर रसीले आम के लिए भी प्रसिद्ध है। मुंगेर चुरंबा, पहाड़पुर आदि के चुरंबा की मांग दूसरे प्रदेशों तक है। मुंगेर के सांसद भी दिल्ली के दरवारों में मुंगेर के आम की सौगात देते रहे हैं। लेकिन, अभी तक किसी ने आम उत्पादक किसानों की सुध नहीं ली। मुंगेर में 60 हेक्टेयर में आम का पैदावार होता है। प्रतिवर्ष आम का कारोबार 50 से 60 करोड़ का होता है। लेकिन, इसका लाभ किसानों को कम, व्यवसायी को अधिक होता है। इस बार भी आम के पौधे में मंजर ठीक आए हैं। चुनावी मौसम में किसान नेताओं की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं कि इस बार उनकी समस्या भी मुद्दा बन सके। आम उत्पादक किसानों ने कहा कि आम का सही मूल्य हमलोगों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। पेड़ में आम पकते ही आम की कीमत काफी कम हो जाती है। इस कारण हमलोग आम के पूरे पेड़ का ही सौदा कर देते हैं। अगर जिला में आम पर आधारित फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना कर दी जाए, तो हमलोगों को काफी लाभ होगा।

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कहते हैं किसान

आम के किसानों की समस्या कोई सुनने वाला नहीं है। आम लोग एक तरफ मौसम की मार झेलने को विवश हैं। वहीं, दूसरी ओर हमलोगों को आम का सही दाम भी नहीं मिलता है। मुंगेर के नेता कार्यकर्ता मुंगेर का आम खरीद कर दिल्ली ले जाते हैं। लेकिन, आम किसी भी चुनाव में केंद्र बिदु नहीं बन पाता है।

मु. तनवीर , चुरम्बा

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यहां के आम की डिमां देश के अलग अलग राज्यों में भी हैं। लेकिन आम का सही मूल्य नहीं मिल पाता है। यदि आम पर आधारित फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना कर दी जाए, तो हमलोगों का दिन बदलते देर नहीं लगेगी। पके आम व कच्चे आम के आमचूर व पाउडर तैयार कर बेहतर मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।

महफूज आलम उर्फ बुद्धन

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चुरम्बा के दुधिया मालदा को ही आम का राजा माना जाता है। लेकिन आम का सही मूल्य नहीं मिलता है। व्यापारी कम कीमत पर मुंगेर में आम खरीद लेते हैं। अगर यहां आम पर आधारित फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना हो जाए, तो आम के बर्बाद होने का डर नहीं रहेगा। इसके बाद किसान को कम कीमत पर आम नहीं बेचना पड़ेगा।

मु. अनवर

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मुंगेर से सड़क मार्ग के द्वारा आम दूसरे राज्य भेजने में ट्रांसपोर्टिंग कास्ट काफी अधिक बढ़ जाता है। इस कारण कम कीमत पर भी आम बेचना हमलोगों की मजबूरी है। मु. रब्बानी

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मुंगेर आम उत्पादन का बड़ा हब है। यहां आम पर आधारित फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना होने से न सिर्फ आम उत्पादक किसानों को लाभ होगा। बल्कि, स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

नसीम

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ

मुंगेर में बड़े पैमाने पर आम का उत्पादन होता है। फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना के बाद आम के आमचूर , पाउडर सुखा कर बनाया जा सकता है। आम का सर्वत एवं अन्य उत्पाद तैयार कर अधिक मूल्य संवर्धन किया जा सकता है। यह इकाई मुंगेर के लिए लाभकारी होगा ।

इंजीनियर अशोक कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र मुंगेर


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