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जल संकट की जद में मुंगेर का सदर प्रखंड

- जल संरक्षण को लेकर जागरुकता बढ़ाने पर दिया जाना चाहिए ध्यान - अगर बिहार में वाटर लिट

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 10:04 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 10:04 PM (IST)
जल संकट की जद में मुंगेर का सदर प्रखंड
जल संकट की जद में मुंगेर का सदर प्रखंड

- जल संरक्षण को लेकर जागरुकता बढ़ाने पर दिया जाना चाहिए ध्यान

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- अगर बिहार में वाटर लिट्रेसी इंस्टीच्यूट का निर्माण हो, तो कुछ हो सकता है

संवाद सूत्र, मुंगेर : गर्मी के आते ही जल संकट ने दस्तक दे दी है। भूगर्भीय जल संकट के ²ष्टिकोण से मुंगेर का सदर प्रखंड क्रिटिकल जोन में आ चुका है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार प्रदेश के 534 प्रखंडों में अभी भी 432 जल उपलब्धता के हिसाब से सेफ जोन में है। लेकिन, 72 प्रखंड सेमी क्रिटिकल, 18 प्रखंड क्रिटिकल और 12 प्रखंड ऐसे हैं, जो उपलब्धता से ज्यादा पानी दोहन कर रहे है। कुल मिलाकर कहा कहा जा सकता है कि 102 प्रखंड भूगर्भीय जल उपलब्धता के हिसाब से जल संकट के मुहाने पर खड़े हैं। जिसमें मुंगेर जिला के एक ब्लॉक का भी नाम आता है।

बिक्की कुमार आर्य ने कहा कि लोगों के द्वारा जरूरत से अधिक भू जलस्तर का दोहन किया जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर अक्सर पानी को बर्बाद होते देखा जा सकता है। शहरी पेयजल आपूर्ति योजना के तहत शहर में कई जगहों पर वाटर स्टैंड बनाया गया है। लेकिन, नल खराब होने के कारण प्रत्येक दिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। ऐसे में जल संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत है। वाटर लिट्रेसी बढ़ाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए।

आकाश कुमार ने बताया कि भूजल स्तर की गिरावट से बचने के लिए अगर सरकार के द्वारा बिहार वाटर लिट्रेसी इंस्टीयूट का निर्माण कराई जाए, तो पानी बचाने के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन और परंपरागत प्रबंधकीय मुद्दों के एक्सपर्ट तैयार किए जा सकते है। फिर भूजल की गिरावट पर काबू पाया जा सकता है।

अर्पण कुमार का कहना है कि सरकार तो सिर्फ योजना बनाती है, लेकिन समय पर योजना का क्रियान्वयन नहीं हो पाता है। प्रत्येक नागरिक को वर्षा जल संरक्षण और वाटर डिस्चार्ज को लेकर जागरूक होना होगा।

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क्या कहते हैं अधिकारी

मुंगेर सदर प्रखंड में ग्राउंड वाटर लेवल 50 फीट पर है। सदर, धरहरा और टेटिया बम्बर के एक एक गांव में पानी संकट की स्थिति दयनीय है।

अजीत कुमार, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी विभाग


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