छठ गीतों से गुंजायमान हुआ क्षेत्र का चप्पा-चप्पा
- महिलाओं की जुबान पर है शारदा सिन्हा के छठ गीत संवाद सूत्र हवेली खड़गपुर (मुंगेर): ल
- महिलाओं की जुबान पर है शारदा सिन्हा के छठ गीत
संवाद सूत्र हवेली खड़गपुर (मुंगेर): लोक आस्था का महापर्व छठ के गीतों ये क्षेत्र का चप्पा चप्पा गुंजायमान हो रहा है। छठ पर्व पर सूर्यदेव एवं छठी माता से जुड़े मैथिली अंगिका भोजपुरी भाषा के गीतों की धूम मची है । इसके साथ ही छठ पर्व को लेकर महानगरों से लेकर विदेशों तक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली लोक गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा की चर्चा करना यहां लाजिमी हो गया है । गीतों के माध्यम से स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के सुर से निकल रही छठ गीत बाजार से लेकर गांव की चौक चौराहों पर गूंज रही है। वैसे तो छठ गीत कई गायक गायिका ने गाए हैं परन्तु शारदा सिन्हा के गीत के बिना छठ पर्व का मिठास अधूरा रह जाता है । उनके द्वारा गाए गीत के बोल कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय ...., केलवा के पात पर उगलन सुरुजदेव..., उग हो सुरुज देव अरघ के बेर....,आदि ग्रामीण संस्कृति का हिस्सा बन गया है । यह गीत महिलाओं के जुबान पर अपनी जगह बना ली है ।