गरीब युवाओं के सपनों में रंग भर रहा है मणिकांत
मुंगेर। ज्ञान बांटने से कम नहीं होता बल्कि और बढ़ता है। खुद पढ़ाई कर दूसरे को भी योग्य
मुंगेर। ज्ञान बांटने से कम नहीं होता बल्कि और बढ़ता है। खुद पढ़ाई कर दूसरे को भी योग्य बनाना, यही शिक्षा का मूल उद्देश्य है। उक्त पंक्तियों को अपने जीवन का ध्येय वाक्य मनाने वाले जमालपुर निवासी मणिकांत गरीब और मेधावी छात्रों का सपना पूरा करने में सहयोग दे रहे हैं। रेलकर्मी सत्येंद्र पासवान का पुत्र मणिकांत खुद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी को लेकर वह हमेशा नई नई किताबें खरीदता है और नोट्स भी तैयार करते हैं। लेकिन, वह महंगी किताब और नोट्स गरीब छात्रों को उपलब्ध कराने में तनिक भी संकोच नहीं करते हैं। मणिकांत अभी दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को किताब और नोट्स उपलब्ध करा कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने में सहयोग दे रहा है। मणिकांत से मिलने वाले करंट अफेयर्स के नोट्स और किताबें पा कर युवा भी उत्साहित हैं। मणिकांत की यह मुहिम बीते तीन वर्ष से जारी है। मणिकांत ने कहा कि मेरे द्वारा दिए गए करेंट अफेयर्स का नोट्स और किताब के सहारे कई साथी बैंक, रेलवे, बिहार पुलिस, स्टाफ सर्विस कमीशन आदि की तैयारी में जुटे हुए हैं। संदलपुर के छात्र गौरव ने कहा कि मणिकांत भैया के नोट्स को एक बार रिभाइज मात्र कर लेने से परीक्षा में आए सवाल का जवाब लिखना आसान हो जाता है। रेलवे की प्रतियोगी परीक्षा तैयारी कर रहे रिक्शाचालक श्याम बहादुर के पुत्र रामशंकर ने कहा कि मेरी बाजार से महंगे नोट्स खरीदने की हैसियत नहीं थी। किसी ने मणिकांत सर के बारे में बताया तो मुझे फ्री में नोट्स मिला। छात्र सुमन कुमार ने कहा कि मणिकांत सर नोट्स के अलावा हम लोगों को हमेशा बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। मणिकांत ने कहा कि जिस हिसाब से शिक्षा का व्यवसायीकरण किया गया है, उसमें गरीब युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना आसान नहीं रह गया है। ऐसे में मैं छोटे से प्रयास से युवाओं की मदद कर रहा हूं।