बिना ड्रेस के विद्यालय आते हैं छात्र
मुंगेर । ड्राप आउट बच्चे की संख्या कम करने और विद्यालय में बेहतर शैक्षणिक माहौल कायम क
मुंगेर । ड्राप आउट बच्चे की संख्या कम करने और विद्यालय में बेहतर शैक्षणिक माहौल कायम करने के लिए राज्य सरकार ने पोशाक योजना की शुरुआत की। पोशाक योजना पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन, अब भी कई विद्यालयों में अधिकांश बच्चे बिना ड्रेस के दिख जाते हैं। बिना ड्रेस के विद्यालय आने वाले बच्चे पोशाक योजना के क्रियान्वयन पर सवाल खड़ा कर रही है। प्राथमिक विद्यालय शीतलपुर में नामांकित बच्चों की संख्या 106 है। उन्हे बेहतर शिक्षा देने के लिए 3 सहायक शिक्षक विद्यालय में कार्यरत है। विद्यालय में अधिकांश बच्चे बिना ड्रेस के दिखे। इस संबंध में पूछने पर विद्यालय की प्रधानाध्यापक सुनीता कुमारी ने कहा कि पोशाक राशि बच्चों के खाते में भेजी जाती है। अब अभिभावक बच्चों को ड्रेस नहीं खरीद दे रहे हैं, तो इसमें हमलोग क्या कर सकते हैं। इसी तरह मध्य विद्यालय नंदलालपुर में नामांकित बच्चों की संख्या 293 है। विद्यालय में दस शिक्षक हैं। यहां भी दर्जनों बच्चे बिना ड्रेस के ही दिखाई पड़े। इस संबंध में प्रधानाध्यापक संतोष कुमार ने कहा कि छात्रों को पोशाक की राशि आते ही उनके बैंक खाता में भेज दिया जाता है। अब उनके अभिभावक के द्वारा ड्रेस की खरीदारी नहीं होती है।
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कहते हैं अधिकारी
यदि बच्चे ड्रेस में विद्यालय नही पहुंच रहे हैं, तो उस हालत में बच्चे के अभिभावकों को विद्यालय बुला कर कहा जाना चाहिए। शत प्रतिशत बच्चे स्कूल ड्रेस में आएं, यह सुनिश्चित कराने की जवाबदेही प्रधानाध्यापक की ही है। किसी विद्यालय में छात्रों को पोशाक राशि नहीं दिए जाने की बात सामने आएगी, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। कमेश्वर राम, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सदर प्रखंड