बिहार के गांवों में आसानी से मिल जाता है न्याय, लोग नहीं काटते कोर्ट-कचहरी के चक्कर
बिहार की ग्राम कचहरी में पंचायत में भूमि और पारिवारिक विवाद का हो रहा निपटारा। आपसी समझौते से सुलह हो रहे विवादित मामले से सभी खुश। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्वराज का सपना अब गांवों में। दायित्व निभा रही न्यायपालिका की पहली इकाई ग्राम कचहरी।
त्रिभुवन चौधरी, हेमजापुर (मुंगेर) : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का 'स्वराज' का सपना अब गांवों में फलीभूत हो रहा है। एक तरफ ग्राम प्रधान आम सभा में योजनाओं को पारित करा पंचायतों के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं, वहीं न्यायपालिका की पहली इकाई ग्राम कचहरी भी अपना कार्य व दायित्व निभा रही है। गांव में पंच सरपंच मिलकर इंसाफ की आवाज बुलंद कर रहे हैं। स्थिति यह बन रही है कि कोर्ट से भी भेजे गए कई मामलों का निष्पादन ग्रामीण स्तर पर पंच परमेश्वर की उपस्थिति में फैसला लिया जा रहा है। इस प्रक्रिया से लोगों को एक और जहां कोर्ट कचहरी के चक्कर से निजात मिल रही है। क्षेत्र में शांति का माहौल भी बना रहता है। विवादों के निपटारे में आज स्थानीय पुलिस भी अपनी अहम भूमिका निभा रही है। कुल मिलाकर बात किया जाए तो लोगों को ग्रामीण स्तर पर ग्राम कचहरी में त्वरित गति से न्याय मिल पा रहा है।
कई वर्ष पुराने मामलों का हो रहा निष्पादन
ग्राम कचहरी में कई साल पुराने भूमि विवाद, संपत्ति बंटवारा सहित कई अन्य मामलों को स्थानीय स्तर पर बैठकर पंचों की उपस्थिति में निपटारा किया जा रहा है। यहां बता दें कि ग्राम कचहरी में 50 से 60 वर्ष पुराने मामलों का भी निष्पादन किया जा रहा है। कई ऐसे मामले भी आए जिनमें कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मामला फिर से ग्राम कचहरी को प्रेषित कर दिया गया। ग्राम कचहरी ने आप से निर्णय लेते हुए मामले को निष्पादित किया।
केस स्टडी-1
चांद टोला गांव में बच्चू महतो बनाम अरुण महतो के बीच कई सालों से भूमि विवाद विवाद चल रहा था। ग्राम कचहरी में मामला आने के बाद इसे ग्रामीणों और पंच परमेश्वर ने भूमि विवाद को निपटाया।
केस स्टडी-2
एक मामला अनिल महतो का भी आया था जो कई वर्ष पुराना था। ग्राम कचहरी में सरपंच और पंचों की उपस्थिति में विवाद निपटाया गया निपटाया गया। दोनों पक्ष फैसले से खुश हैं।
केस स्टडी-3
हेमजापुर गांव में नोनू लाल महतो और उसके भाइयों के बीच कई सालों से भूमि विवाद चला रहा था। मामला थाने तक जा पहुंचा और अंततः ग्राम कचहरी में ही फैसला किया गया।
मुंगेर कोर्ट के अधिवक्ता राम प्रकाश मिश्रा ने कहा, 'ग्राम पंचायत राज अधिनियम के तहत दो तरह के अधिकार ग्राम कचहरी को दिए गए हैं। लगभग 40 धाराएं लगाने का अधिकार ग्राम कचहरी को दिया गया है। ग्राम कचहरी चाहे तो जुर्माना भी ले सकती है। यह अच्छी बात है कि अब कोर्ट भी कई मामलों को ग्राम कचहरी भेज रही है। इससे ग्रामीण स्तर पर विवादों में कमी आई है।'
सरपंच संघ धरहरा के अध्यक्ष राकेश कुमार 'कालीचरण' ने कहा, 'ग्राम कचहरी का स्थानीय स्तर पर बहुत महत्व है। महत्वपूर्ण मामलों के निपटारे में पंचों की सहभागिता भी ली जा रही है। यह भूमि विवाद के साथ-साथ समाज में मैत्रीपूर्ण व्यवहार को बढ़ावा देता है। मामलों के निष्पादन में ग्राम कचहरी अपने दायित्व व कर्तव्य पालन कर रही है।'