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Health Benefits of Yoga: कोरोना संक्रमण से मुकाबले में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार आसन

Health Benefits of Yoga योग विद्यालय से जुड़ी मंत्रनिधि ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में लाभ पहुंचाने वाले कुछ आसनों के बारे विस्तार से बताया। ये कोई दवा या इलाज नहीं हैं बल्कि इनका नियमित अभ्यास रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में मददगार हो सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 08:59 AM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 09:00 AM (IST)
Health Benefits of Yoga: कोरोना संक्रमण से मुकाबले में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार आसन
Benefits of Yoga: नियमित अभ्यास रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में मददगार हो सकता है।

बिहार, मुंगेर। Health Benefits of Yoga योग रखे निरोग के मंत्र को अब पूरी दुनिया समझ चुकी है। वैश्विक पटल पर योग के प्रचार-प्रसार में बिहार योग विद्यालय, मुंगेर का बड़ा योगदान है। योग विद्यालय से जुड़ी मंत्रनिधि ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में लाभ पहुंचाने वाले कुछ आसनों के बारे विस्तार से बताया। ये कोई दवा या इलाज नहीं हैं, बल्कि इनका नियमित अभ्यास रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में मददगार हो सकता है।

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सर्पासन

फायदे : इसके अभ्यास से पेट और हृदय के विकार दूर होते हैं।

ऐसे करें अभ्यास : पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। पैर बिल्कुल सीधे रखें। दोनों हाथों को कमर के पीछे रखें। इसके बाद जैसे सर्प अपने फन को ऊपर उठाता है, उसी प्रकार अपने चेहरे को ऊपर उठाएं। थोड़ी देर बाद चेहरे को फिर से जमीन पर ले जाएं। इसके बाद श्वास छोड़ें।

 

शशांक भुजंगासन

फायदे: यह कूल्हे और गुदाद्वार की मांसपेशियों को सामान्य रखता है। पेचिश में आराम मिलता है। यकृत और गुर्दे से संबंधित परेशानी तथा पीठ दर्द से राहत मिलती है। क्रोध व आवेश को वश में किया जा सकता है।

ऐसे करें अभ्यास: वज्रासन की मुद्रा (दोनों पैर को पीछे मोड़ते हुए घुटनों के बल बैठें और कमर, पीठ व कंधे को सीधे रखें) में बैठ जाएं। दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर ले जाएं। हाथ कानों से सटे रहें। श्वास लें। धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए सामने झुकें। मस्तक और हाथ जमीन पर हों। श्वास व शारीरिक स्थिति का खयाल रखें। अब श्वास लेते हुए धीरे-धीरे पहली स्थिति में आएं। इस प्रक्रिया को 8-10 बार दोहराएं। यह सामान्य शशांकासन है। इस आसन को आगे बढ़ाते हुए जमीन पर लेटकर हाथ के बल भुजंग (नाग) की तरह शरीर के अगले हिस्से को उठाएं। इसे शशांक भुजंगासन कहते हैं।


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