शहर में बनेगा 67 किलोमीटर लंबा नाला
मुंगेर। कभी अपने मजबूत ड्रेनेज सिस्टम को लेकर मुंगेर की गिनती राज्य के सबसे बेहतर शहर म
मुंगेर। कभी अपने मजबूत ड्रेनेज सिस्टम को लेकर मुंगेर की गिनती राज्य के सबसे बेहतर शहर में होती थी। अंग्रेजों ने 1934 के भूकंप के बाद मुंगेर को पूरी तरह से प्लांड शहर के रूप में बसाया था। अंग्रेजी हुकूमत ने शहर में कई बड़े नाले का निर्माण कराया। वहीं, शहर के सभी भागों में तालाब भी अस्तित्व में थे। इस कारण भारी बारिश के बाद भी शहर में कहीं जल जमाव नहीं होता था। लेकिन, बाद में लोगों ने शहर की ड्रेनेज सिस्टम को ही ध्वस्त कर दिया। कई जगहों पर नाले का अतिक्रमण कर लिया गया, तो शहर के अधिकांश तालाब का अस्तित्व ही मिट गया। तालाब की जगह उसके नाम पर मुहल्ला बस गए। लल्लू पोखर, गुलजार पोखर, मिर्ची तालाब आदि मुहल्ला इसके उदाहरण हैं। खैर, एक बार फिर से नगर निगम शहर की ड्रेनेज सिस्टम को और अधिक सु²ढ़ बनाने की तैयारी में जुट गई है। ताकि, शहर में जल जमाव की समस्या नहीं हो।
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67 किलोमीटर बड़े नाला का होगा निर्माण
मुंगेर शहर की ड्रेनेज व्यवस्था एक बार फिर से बेहतर होगी। केंद्र सरकार ने गंगा किनारे बसे शहर के लिए एसटीपी की स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत 67 किलोमीटर लंबे बड़ा नाले का निर्माण होगा। वहीं, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा। ताकि, शहर की नालियों से निकलने वाले गंदा पानी को साफ कर गंगा में प्रवाहित किया जा सके। नगर आयुक्त श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि 67 किलोमीटर लंबे नाले का निर्माण होने के बाद शहर को जल जमाव की समस्या से निजात मिल जाएगी।