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स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल, 154 में 39 चिकित्सक नहीं, कैसे होगा बेड़ापार

मुंगेर । कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी सूबे

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 08:49 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 08:49 PM (IST)
स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल, 154 में 39 चिकित्सक नहीं, कैसे होगा बेड़ापार
स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल, 154 में 39 चिकित्सक नहीं, कैसे होगा बेड़ापार

मुंगेर । कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी सूबे के सभी मेडिकल कालेज, जिला अस्प्ताल से लेकर अनुमंडल अस्पताल को पूर तरह तैयार रहने को कहा है। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। कोरोना से निबटने के लिए जरूरी संसाधनों को जुटाया जा रहा है। आक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर और बेड को व्यवस्थित करने का काम चल रहा है। लेकिन, चिकित्सकों की कमी को दूर नहीं किया गया है। मुंगेर जिले का हाल काफी दयनीय है। यहां चिकित्सकों की घोर कमी है। जिले में चिकित्सकों के सृजत 154 पद में से 39 पद खाली है। इसमें से शिशु रोग, फिजिशियन सहित कई विभाग के चिकित्सक हैं। शनिवार को सदर अस्पताल का जायजा लेने के बाद तीसरी लहर से निपटने व्यवस्था से रूबरू हुए।

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आइसीयू वार्ड को किया गया अपग्रेड

तीसरी लहर को लेकर सिविल सर्जन डा. हरेन्द्र कुमार आलोक ने चिकित्सक के साथ पुरुष वार्ड, महिला वार्ड, आइसीयू वार्ड, प्रसव वार्ड का निरीक्षण किया। इसके बाद तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में आक्सीजन सप्लाई करने वाली एजेंसी के कर्मचारियों की मोबाइल नंबर के साथ सूची मांगी गई। वार्ड से आक्सीजन की आपूर्ती में परेशानी हो तो सीधे संबधित कर्मी से सुधार कराने की बात कही।

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100 बेड का कोरोना सेंटर में बढ़ी सुविधाएं

कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को लेकर प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं। कोरोना से लड़ाई में सदर अस्पताल में बच्चों के लिए 20 बेड पर आक्सीजन की व्यवस्था की गई है। कोरोना सेंटर 100 बेड का जीएनएम में तैयारी पूरी कर ली गई है। सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट का काम काफी तेजी से चल रहा है। 15 अगस्त तक प्लांट का काम पूरा कर लिया जाएगा। कोरोना सेंटर में दो आक्सीजन प्लांट का काम पूरा कर लिया गया है। आक्सीजन की किसी तरह से कमी न हो, इसके लिए सीधे बिस्तर तक पाइप लाइन के माध्यम से सप्लाई की व्यवस्था बनाई गई है।

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पहले सिलेंडर, बाद में आक्सीजन प्लांट से जुड़ेंगे

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पहले आक्सीजन देने के लिए सिलेंडर आपस में जुड़ेंगे। इसके बाद में आक्सीजन प्लांट चालू होने पर वे सीधे प्लांट से जुड़ जाएंगे। आक्सीजन प्लांट के लिए भी तेजी से काम चल रहा है। सदर अस्पताल में अब बच्चों को आक्सीजन की कमी नहीं होगी। बीमार बच्चों को समय पर आक्सीजन मिल जाएगा। सिलेंडर को भी अलग से रिजर्व रखा गया है।

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शिफ्ट में 10 डाक्टर रहेंगें कोरोना वार्ड में

कोरोना सेंटर के नोडल पदाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि 100 आक्सीजन वाले वार्ड में 10 डाक्टरों की ड्यूटी रहेगी। इसमें सभी डाक्टर सदर अस्पताल के होगें। डाक्टर तीन शिफ्ट में रहकर मरीजों का इलाज करेगें। वहीं, वार्ड में आठ नर्सो की ड्यूटी रहेगी। जिले में चिकित्सको की कमी दूर नहीं किया गया है। नही हो पाई है। जिससे मरीजो को इलाज कराने में घंटो इंतजार करना पड़ता है।

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दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से हुई थी मौत

जिले़ में दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी के कारण सरकारी आकड़े के अनुसार दो सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जिले के सदर अस्पताल से लेकर कोरोना वार्ड में आक्सीजन की किल्लत थी। इसके अलावा चिकित्सकों भी संख्या के अनुसार कम थे। कई चिकित्सक भी चपेट में आ गए थे। दूसरी लहर में सांस संबंधित पीड़तों की संख्या ज्यादा थी। लेकिन, पिछले बार की कमियों को देखते हुए इस बार आक्सीजन की कमी को काफी हद तक दूर कर लिया गया है।

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कोट

कोरोना के संभावित तीसरी लहर के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। 15 अगस्त के बाद शिशु वार्ड आक्सीजन में बेड तक आक्सीजन की आपूर्ति होगी। आइसीयू में भी आक्सीजन युक्त बेड तैयार कर दिया गया है। जिला से लेकर अनुमंडल और प्रखंडों में जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराई गई है।जीएनएम में 100 बेड आक्सीजन प्लांट चालू हो गया है। इमरजेंसी में 10 एंबुलेंस रहेगें।

-डा. हरेन्द्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन, मुंगेर।


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