Move to Jagran APP

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण मक्के की खेती करने वाले किसानों की बढ़ी चिता

मुंगेर। राज्य तथा देश में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण मक्का की खेती करने व

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 01:00 AM (IST)
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण मक्के की खेती करने वाले किसानों की बढ़ी चिता
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण मक्के की खेती करने वाले किसानों की बढ़ी चिता

मुंगेर। राज्य तथा देश में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण मक्का की खेती करने वाले प्रखंड के किसानों की चिता बढ़ गई है ।किसानों को लगने लगा है कि कहीं पिछले साल की तरह इस साल भी फसल तैयार होने पर कोरोना के कारण व्यापारी उनकी तैयार फसल को खरीदने नहीं आएंगे। पिछले वर्ष की तरह ही कम कीमत पर उन लोगों को अपनी फसल बेचने पड़ेगी। किसानों का कहना है कि पिछले बार मक्के की खेती करने वाले किसानों को काफी हानि हुआ। फसल के ऊपज जाने के बाद बाहर के व्यापारी मक्का खरीदने के लिए नहीं आए। जिसके कारण उन लोगों ने कम कीमत पर स्थानीय व्यापारियों के हाथों मक्का बेचने को विवश हुए। जबकि बाद में इन्हीं व्यापारियों ने ऊंची कीमत पर बेचकर मुनाफा कमाया। इस बार फिर से लोगों ने हिम्मत करके मक्के की फसल लगाई है कि अगली फसल की भरपाई इस फसल में किसी तरह हो जाएगी। लेकिन फसल तैयारी का समय नजदीक आते ही कोरोना का प्रकोप पूरे देश तथा राज्य में बढ़ गया है। जिसके कारण व्यापारी बाहर से उनका माल खरीदने नहीं आएंगे। फिर से वे लोग स्थानीय व्यापारियों के हाथों कम कीमत पर अपनी फसल बेचने को विवश हो सकते हैं । मक्के की खेती करने वाले किसान कपिल मंडल, प्रकाश मंडल, विदेश्वरी शर्मा, ब्रह्मदेव शर्मा सहित अन्य का कहना है कि एक बीघे मक्के की फसल लगाने में 10,000 से 15000 खर्च आते हैं। जबकि मक्के की फसल तैयार होने के बाद व्यापारी 800 से लेकर 1000 प्रति क्विंटल अनाज खरीदते हैं। दो वर्ष पूर्व मक्के की कीमत 1300 से 1600 प्रति क्विंटल थी। जिससे कि किसानों की लागत ऊपर हो गई थी ।लेकिन लगता है इस बार भी कोरोना के कारण बाहर के व्यापारी नहीं आएंगे। उन लोगों को अपनी तैयार फसल कम कीमत पर बेचनी पड़ेगी। जिससे कि किसानों की कमर टूट जाएगी। पिछले साल का हानि भी इस साल ऊपर नहीं हो पाएगी। इन लोगों ने सरकार से धान एवं गेहूं की तरह तैयार मक्के की फसल को पैक्स के माध्यम से खरीदने की मांग की है। जिससे कि उन लोगों को अपने फसल की उचित कीमत मिल सके।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.