CM नीतीश ने कसा तंज- अब तो लालटेन भी खत्म हो गया, भूत भी भाग गया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना किसी का नाम लिए हुए विपक्ष पर तंज कसा है कि अब लालटेन खत्म हो गया और भूत भी भाग गया है। नीतीश मुंगेर में महादलित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुंगेर [जेएनएन]। जदयू की ओर से आयोजित प्रमंडल स्तरीय दलित महादलित सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना किसी का नाम लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले गांव में बिजली नहीं थी। लोग शाम होते ही बच्चों को घर के अंदर कर लेते थे।
बच्चों को अंधेरे में बाहर जाने से मना किया जाता था। कहते थे बाहर भूत है। अब बिजली 24 घंटे मिलने लगी। लालटेन खत्म हो गया और भूत भी भाग गया। उन्होंने चुटकी लेते हुए विपक्ष पर निशाना साधाते हुए कहा किलोकसभा चुनाव नजदीक है।
चुनावी बयानबाजी करते हुए कहा कि कुछ लोग भड़काने के लिए आ रहे हैं। महादलित दलित बाबा भीमराव के लोग हैं। कुछ लोग सत्ता में आते ही लूटने में लग जाते हैं। जबकि, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि काम किए बिना धन अर्जित करना महापाप है। इस महापाप से बचना चाहिए।
नीतीश ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से ही मैं न्याय के साथ विकास की दिशा में काम कर रहा हूं। उन्होंने दलित और महादलितों से संबंधित चलाई जा रही विकास की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने दलितों के जीवन स्तर को उठाने का हरसंभव प्रयास किया।
अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए नए छात्रावास बनाए जा रहे हैं। वहीं, पुराने छात्रावासों का भी जीर्णोद्धार हो रहा है। अब अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास में रहने वाले छात्रों को प्रत्येक माह 15 किलो खाद्यान्न और एक हजार रुपये सहायता राशि के रूप में दिए जाएंगे।
सात निश्चय योजना के तहत सभी गांव टोले को पक्की सड़क से जोड़ा जा रहा है। इसका लाभ भी दलित और महादलितों को मिलेगा। दलित समुदाय को उद्यमी बनाने के लिए दस लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है। जिसमें पांच लाख रुपये का अनुदान एवं पांच लाख बिना ब्याज के ऋण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। लेकिन, मैं शराबबंदी से किसी कीमत पर समझौता नहीं करूंगा। शराबबंदी से सबसे अधिक लाभ दलित और महादलितों को मिल रहा है।
महादलित आवास योजना के तहत मुख्यमंत्री आवास स्थल क्रय योजना के द्वारा एससीएसटी को जमीन खरीदने के लिए 60 हजार रुपये दिया जा रहा है। 1996 में इंदिरा आवास का लेने वालों को भी नया घर बनाने के लिए एक लाख बीस हजार रुपये दिया जा रहा है।
45 मिनट के संबोधन में मुख्यमंत्री ने दलितों को रिझाने की भरसक कोशिश की। उन्होंने सम्मेलन में आए दलित महादलितों को अपने बच्चों को पढ़ाने का संकल्प भी दिलाया।