प्रवासियों के लिए रोजगार सबसे बड़ी चुनौती
मुंगेर । कोरोना संकट के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी अपने गांव लौट रहे हैं। दिल्ली पंजाब
मुंगेर । कोरोना संकट के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी अपने गांव लौट रहे हैं। दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, हरियाणा, मुंबई, पानीपत, मद्रास आदि राज्यों से लगभग 691 मजदूर प्रखंड में पहुंचे हैं। हालांकि अपने घर पहुंचने के पहले मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर में रहना रखा जा रहा है। 14 दिन की क्वारंटाइन अवधि बिताने के बाद ही प्रवासी को उनके घर भेजा जाता है। आंकड़े की बात करें तो प्रखंड के अंतर्गत बनाए गए आठ क्वारंटाइन सेंटर में 691 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं। बीडीओ राजीव कुमार ने कहा कि 67 प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन अवधि पूरा करने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। मजदूरों के घर पहुंचने के बाद उनके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती रोजगार की है। अब प्रवासी को चिता सता रही है कि बच्चों का भरण पोषण कैसे होगा। सिधिया पंचायत में दिल्ली से लौटे मु. अकरम, मु. जावेद, फरदीन खान, सदन पासवान एवं पश्चिम बंगाल व मुंबई से इटहरी पंचायत में लौटे केदार सिंह, परमानंद सिंह तथा पाटम, गौरीपुर,हलिमपुर, हेरुदीयरा में रह रहे प्रवासी मजदूर राहुल कुमार, कमलेश्वरी मंडल, मंटू कुमार, प्रमोद पासवान, मनोज कुमार ने बताया कि हम लोगों को परदेस से आए एक सप्ताह से अधिक हो गया है। हमलोगों को यह चिता सता रही है कि अब परिवार का भरण पोषण कैसे होगा। जिला प्रशासन हमलोगों के स्वरोजगार की व्यवस्था कर दे, तो गांव में ही रहेंगे। अब प्रदेश नहीं जाएंगे।