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बड़ी मां के लिए सड़कों पर आस्था, हर कोई देना चाह रहा था कांधा

मुंगेर । मुंगेर की बडी मां (बड़ी दुर्गा महारानी) के विसर्जन शोभायात्रा में आस्था का सैलाब सड़

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 11:50 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 11:50 PM (IST)
बड़ी मां के लिए सड़कों पर आस्था, हर कोई देना चाह रहा था कांधा
बड़ी मां के लिए सड़कों पर आस्था, हर कोई देना चाह रहा था कांधा

मुंगेर । मुंगेर की बडी मां (बड़ी दुर्गा महारानी) के विसर्जन शोभायात्रा में आस्था का सैलाब सड़कों पर दिखा। हर कोई मां की डोली को कांधा देना चाह रहे थे। जय दुर्गे, जय दुर्गे की जय घोष के बीच लोगों का उत्साह चरम पर था। डंके की थाप, लाठी, भाला, तलवार, फरसा जैसे पारंपरिक हथियार लहराते हुए लोगों का जोश देखते बन रहा था। शुक्रवार की शाम से चला यह सिलसिला शनिवार की दोपहर तब थमा जब बड़ी मां को हजारो श्रद्धलुओं के बीच सोंझी घाट पर गंगा की धारा में मां को अंतिम विदाई दी गई। शादीपुर बड़ी दुर्गा मंदिर से सोंझी घाट के बीच लगभग दो किलोमीटर की इस दूरी को तय करने में लगभग 24 घंटे का समय लगा। विदाई के इस क्षण में विसर्जन मार्ग पर हर कोई अपनी श्रद्धा अर्पण के लिए पलके विछाए थे। पूरा विर्सजन मार्ग रंगोली और दीपों से सजा था। जिस मार्ग से मां गुजर रही थी लोग फूलों की वर्षा कर रहे थे। हर कोई मां की डोली को कंधा लगाने की होड़ में था। डंका ढ़ाक सहित पारंपरिक गाजे बाजे की शोर हर तरफ थी। बड़ी दुर्गा व्यामशाला के सदस्यों ने पारंपरिक हथियारों के साथ किए जा रहे अखांडा का प्रदर्शन लोगों को रोमांचित कर रहा था। सोंझी घाट पर देर रात तक लगभग 100 प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ, यह सिलसिला जारी रहा। ----------- 32 कहारों पर निकली बड़ी मां की विसर्जन शोभा यात्रा पुरानी परंपराओं के अनुसार बड़ी दुर्गा महारानी मां की विसर्जन शोभायात्र शुक्रवार की शाम करीब पांच बजे 32 कहारों पर निकली। दो घंटे तक मंदिर आंगन में मां की प्रतिमा को श्रद्धलुओं के दर्शन को रखा गया। शाम छह बजे के बाद वहां से मां की शोभा यात्रा मंदिर के मुख्य द्वार पहुंची जहां रंगोली और दीप मालओं के बीच मां की भव्य आरती के बाद साढ़े आठ बजे अंबे चौक के लिए निकली। पहले के मां के दर्शन के लिए श्रद्धलुओं का तांता लगा था। मां की प्रतिमा पहुचतें ही श्रद्धालुओं ने जयकारे के साथ का स्वागत किया गया, वहां भव्य आरती व भोग से श्रद्धलुओं ने अपनी श्रद्धा व्यक्त की। यहां भीड़ इतनी अधिक बढ़ गई की नियंत्रण को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ा।

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-------------------------------------- बड़ी मां व छोटी मां के मिलन का ²श्य देख सभी हुए भाव-विभोर अंबे चौक से बड़ी मां की प्रतिमा कौड़ा मैदान पहुंची वहां पहले से आ चुकी छोटी दुर्गा मां की प्रतिमा के साथ उनके मिलन का विहंगम ²श्य देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो रहे थे। कहारों के साथ श्रद्धालुओं कंधे पर बड़ी मां छोटी मां की डोली एक दूसरे के आमने सामने हुई। इस दौरान जयकारों की गूज व फल व प्रसाद की बौछार देख लोग लोग आत्म विभोर हो रहे थे। यह ²श्य बड़ी काली और बड़ी दुर्गा के बीच मिलन में भी देखने को मिला।

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बाटा चौक पर लगा मां को छप्पन भोग कौड़ा मैदान, कस्तूबा वाटर व‌र्क्स,बड़ी बाजार,गांधी चौक सहित कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने भाव अर्पण का सिलसिला चलता रहा। इसके बाद मां की प्रतिमा शनिवार की अहले सुबह बाटा चौक पहुंची। मां को छप्पन भोग लगाकर आरती की गई। घंटो बाद मां की प्रतिमा यहां से आगे बढ़कर राजीव गांधी चौक, एक नंबर ट्रैफिक,टैस्की स्टैड होते हुए विर्सजन आरती के लिए सुबह करीब दस बजे महावीर स्थान पहुंची। आरती के बाद नगर निगम , प्रधान डाकघर होमियोपैथिक कालेज आदि जगहों पर रूकते हुए मां की प्रतिमा शोभा यात्र के अंतित पड़ाव भगत सिंह चौक पर रूकी। वहां अखाड़ा को विराम दिया गया। ------------------------------------------------- नगर की ओर मुख कर गंगा घाट पहुंची मां भगत सिंह चौक से सोझी घाट गंगा में विसर्जन के लिए जाने के क्रम में पुरानी परंपरा के अनुसार मां के डोली का मुंख नगर की ओर कर दिया गया। मान्यता है कि विदाई के बाद भी मां की कृपा नगर विसियों बनी रहे इसलिए मां की प्रतिमा को नगर मुखी कर दिया जाता है। दोपहर करीब एक बजे मां की प्रतिमा गंगा घाट पहुंची और मां को विसर्जित किया गया।


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