सामाजिक उत्थान के लिए कार्य कर महिलाओं का हुआ सम्मान
हरलाखी थाना क्षेत्र के गंगौर गांव में समाज मे बेटियों के हितों के लिए कार्य कर रही जागरूकता अभियान संस्था के चौथे स्थापना दिवस सह सम्मान समारोह कार्यक्रम के अवसर पर सामाजिक उत्थान के लिए कार्य कर रही मिथिला के विभिन्न क्षेत्र से आई महिलाओं का सम्मान किया गया।
मधुबनी। हरलाखी थाना क्षेत्र के गंगौर गांव में समाज मे बेटियों के हितों के लिए कार्य कर रही जागरूकता अभियान संस्था के चौथे स्थापना दिवस सह सम्मान समारोह कार्यक्रम के अवसर पर सामाजिक उत्थान के लिए कार्य कर रही मिथिला के विभिन्न क्षेत्र से आई महिलाओं का सम्मान किया गया। जहां शॉल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन जागरूकता अभियान संस्था के संचालिका बिट्टू मिश्रा ने की। इस अवसर पर समाज के कई क्षेत्रों में अपने विशेष योगदान दे रहे कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
अतिथियों को मिथिला के प्रतीक पाग दोपटा व मखान के माला से सम्मानित किया गया। उपरांत मुख्य अतिथि एसडीओ मुकेश रंजन, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पुष्कर कुमार, हरलाखी विधयाक सुधांशू शेखर, जिला पार्षद सदस्या सरिता देवी, गंगौर मुखिया शिवचन्द्र मिश्रा के द्वारा मीडिया के क्षेत्र में योगदान दे रहे कई पत्रकारों सहित पिछले पैतीस वर्षो से संचालित गुरुकुल के परंपरा के पद्धत्ति से बच्चों में वैदिक शिक्षा का गुर सिखा रहे आचार्य सुशील मिश्र, रोटी बैंक के अभिजीत कुमार, मृत्युंजय कुमार, मंटू कुमार, ऋषिकेश कुमार, वीणा चौधरी, गायिका प्राची मिश्र, साक्षी चौधरी, खुशबू कुमारी, निधि राज, मधुलता मिश्र, सहित बबिता देवी, एमएसयु के राघवेंद्र कुमार, अर्पणा झा को इन अतिथियों के द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही इन लोगो को सामाजिक क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो की प्रशंसा की। मिथिला हस्तकला से बने सामग्री का हुआ प्रदर्शन मिथिला पें¨टग कलाकार अर्पणा झा के द्वारा बनाएं गए हस्तकला से दिवाल घड़ी, मोबाइल कवर, प्लेट, कप का प्रदर्शन किया गया। जहां अधिकारी व लोगों ने उक्त हस्तकला की जमकर प्रशंसा की। एसडीएम मुकेश रंजन ने कहा कि मिथिला की बेटियों को अगर मौका मिले तो देश व दुनिया में बेहतर योगदान दे सकती है। आज जो यह हस्तकला अर्पणा ने बनाई है, वो निश्चित रूप से एक नए युग का आगाज है। इसलिए हम सभी को मिलकर इन बेटियों का हौसला व उत्साहबर्धन करना होगा। तब जाकर हमलोग दुनिया के पटल पर विकसित देश व समाज के रूप में प्रतिष्ठित हो पाएंगे। यह कलाकृति इस कदर बांस से बनाया गया है। जिसे हम खरीदने को मजबूर हो गए।